
ज्योतिष विद्वानों की भविष्यवाणी के अनुसार 2018 असाधारण भुमिका निभाएगा। इस साल बहुत सारे जातको का भविष्य नए मुकाम छुएगा। ज्योतिषीय घटनाओं से एक नए दौर का आरंभ भी हो सकता है। इस वर्ष होने वाले विशेष कायाकल्प पर डालें एक नजर-
सर्वप्रथम बात करते हैं नवग्रहों में विशेष कर्म फलदाता शनि की, 2018 में ये धनु राशि में विचरण करेंगे। 18 अप्रैल को वक्री होंगे एवं 6 सितंबर को मार्गी लेकिन राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। वृश्चिक, धनु और मकर पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। वृश्चिक राशि वालों के लिए रहेगा मंगलप्रद। वहीं धनु और मकर के लिए तनाव लाएगा और झंझटों का जाल बुनेगा। वृषभ और कन्या पर रहेगी शनि की ढय्या। वृष का बढ़ेगा मेैंटल स्ट्रैस और कन्या पर रहेगी कुबेर और लक्ष्मी की विशेष कृपा। जिसके चलते उन्हें मिट्टी में हाथ डालना भी सोने के समान लाभ देगा।
देव गुरु बृहस्तपति अक्टूबर में राशि परिवर्तन करेंगे। मुकद्दर बदलने की शक्ति रखने वाले ग्रह गुरु एक राशि में लगभग 12 महीने तक वास करते हैं। 9 मार्च को ये वक्री होंगे एवं 11 जुलाई को मार्गी। 11 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे द्वादश राशियों पर विभिन्न प्रभाव देखने को मिलेंगे।
राहु-केतु के बुरे प्रभाव से कालसर्प दोष का निर्माण होता है। जो व्यक्ति के संपूर्ण अस्तित्व को हिला देता है। इनके राशि परिवर्तन से भी द्वादश राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। 2018 में राहु-केतु राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। राहु कर्क और केतु मकर राशि में ही रहेंगे।
चैत्र मास के नवरात्र यानि हिंदू नववर्ष, गुड़ी पड़वा 18 मार्च को मनाया जाएगा। होली 2 मार्च, शुक्रवार और दिवाली 7 नवंबर, बुधवार को होगी। प्रेमियों का खास दिन वेलेंटाइन डे और महाशिवरात्रि 14 फरवरी बुधवार को होगा। पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 13 फरवरी को भी महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा।
2018 के पहले महीने जनवरी में ग्रहण पड़़ रहा है। इस वर्ष कुल 5 ग्रहण आएंगे। जिसमें 3 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे लेकिन चंद्र ग्रहण देखे जा सकेंगे।
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