कच्चातिवु द्वीप पर अधिकार के विवाद को लेकर बीते कुछ दिन से श्रीलंका और भारत में बयानबाजी देखने को मिली है। दोनों ओर से इस पर अलग-अलग तर्क दिए गए हैं। इस सबके बीच श्रीलंकाई अधिकारी इस द्वीप से लगातार भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर रहे हैं। श्रीलंका का कहना है भारत ने 1974 में ही कच्चाथीवू द्वीप में मछली पकड़ने के अधिकार को छोड़ दिया था। इसके बाद 1976 में इस मामले पर एक समझौता हुआ, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि कच्चाथीवू द्वीप पर मछली पकड़ने का अधिकार श्रीलंका को होगा। न्यूज 18 ने 2008 के एक श्रीलंकाई दस्तावेज के आधार पर अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह दस्तावेज सितंबर 2008 में श्रीलंकाई संसद में श्रीलंका के तत्कालीन विदेश मंत्री रोहिता बोगोलगामा का जवाब है। मंत्री रोहिता ने 1974 के भारत-श्रीलंका समझौते के अनुच्छेद 6 का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें एक दूसरे के जल पर श्रीलंका और भारत दोनों के जहाजों के केवल नौवहन अधिकार संरक्षित किए गए हैं। अनुच्छेद 5 के प्रावधान और 6 को मिलाकर श्रीलंकाई जल में मछली पकड़ने में शामिल होने के लिए भारतीय मछुआरों या जहाजों को कोई अधिकार नहीं दिया जाता है। बोगोल्लागामा ने कहा कि 1976 में दोनों देशों के बीच एक समझौते ने 1974 के समझौते द्वारा स्थापित स्थिति को ज्यादा स्पष्ट किया। 1976 के समझौते में यह उल्लेख किया गया कि दोनों पक्ष क्षेत्रीय समुद्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से नेविगेशन के अधिकारों का सम्मान करेंगे।
Home / News / India / भारत ने छोड़ दिया था कच्चातिवु पर अधिकार? श्रीलंका की ससंद में 16 साल पहले पेश दस्तावेज से बड़ा खुलासा, जानें