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बच्‍चे पूछ रहे हैं महाकुंभ में क्‍याें आते हैं Foreigners, तो तुरंत बताएं 5 जरूरी वजहें


भारत के सबसे मशहूर आध्यात्मिक त्‍योहार में से एक कुंभ मेले को लेकर बड़ाें और बच्‍चों के मन में कई सवाल हैं। अगर आपके बच्‍चे जानना चाहते हैं कि कुंभ में विदेशी पर्यटक क्‍यों शामिल होते हैं, तो उन्‍हें इससे जुड़ी 5 वजहें जरूर बताएं।
महाकुंभ 2025 भारत ही नहीं दुनिया का अद्भुत और अनोखा समारोह है। यहां अलग-अलग पृष्ठभूमि से लाखों लोग एक साथ आते हैं। इसके प्रचार प्रसार और खबराें के जरिए बच्‍चे महाकुंभ के बारे में थोड़ा बहुत जानने लगे हैं और सवाल भी करने लगे हैं। एक कॉमन सवाल जो ज्‍यादातर बच्‍चों के मन में रहता है, वो ये कि महाकुंभ में विदेशी लोग क्‍यों आते हैं।
बता दें कि यह मेला आध्यात्मिक रूप से भारतीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। हर साल मेले के प्रति विदेशियों का उत्‍साह देखने को मिलता है। पर क्‍यों। कुंभ मेला विदेशियों को आकर्षित क्‍यों करता है, इसकी कुछ वजहें यहां बताई गई है, जो आपको अपने बच्‍चों को जरूर बतानी चाहिए।
योग का अनुभव – क्‍या आप जानते हैं कि कुंभ मेला मानव जमावड़े का एक अद्भुत चमत्कार है। यहां लाखों लोग सदभाव से इकट्ठा होते हैं। विदेशी लोग अक्‍सर इस आयोजन को देखकर मंत्रमुग्‍ध हो जाते हैं। इतना ही नहीं, यह मेला उन्हें भारतीय आध्यात्मिकता के सार के बारे में जानने का मौका देता है। प्रार्थनाओं से लेकर मेडिटेशन सेशन्‍स और योग का अनुभव लेना उन्‍हें बहुत पसंद होता है।
गंगा स्‍नान करना – माना जाता है कि कुंभ मेले में गंगा नदी में डुबकी लगाने से आत्‍मा शुद्ध हो जाती है। पिछले पाप भी मिट जाते हैं। यह रिच्‍युल कई विदेशियों को बहुत ज्‍यादा आकर्षित करता है। इसलिए बड़ी संख्‍या में विदेशी इस आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करने के लिए कुंभ में शामिल होते हैं।
साधु और फकीरों को देखना – जितने साधु आपको भारत में मिलेंगे, शायद ही दुनिया के किसी देश में देखने को मिलें। कुंभ मेले में पूरे भारत से तपस्‍वी, साधु, संत और फकीर शामिल होते हैं। खासतौर से नागा साधुओं के दर्शन करने को विदेशी लोग अपना सौभाग्‍य मानते हैं। नागा साधुओं की जीवन शैली उन्‍हें उत्सुक और प्रेरित करती है।
भारतीय परंपरा को करीब से जानना – महाकुंभ में सिर्फ आध्यात्मिकता ही देखने को नहीं मिलती। बल्कि यहां पर पारंपरिक संगीत, कला और नृत्य जैसे सांस्‍क्रतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक रंगीन और समृद्ध अनुभव होता है। वे हर हाल में इसका आनंद लेना चाहते हैं।
संस्कृतियों का अनोखा संगम – मेले में शामिल होने के लिए विदेशी यूं ही लंबी दूरी तय नहीं करते। कई विदेशियों के लिए कुंभ एक मेले से बढ़कर है। यहां आकर उनका जीवन ही बदल जाता है। इसके अलावा उन्‍हें यहां आकर अलग-अलग क्षेत्र और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने और विविधता में एकता देखने का अवसर मिलता है।