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पीएम मोदी के ताइवान के राष्ट्रपति से बातचीत पर बौखलाया चीन तो खुलकर समर्थन में आया अमेरिका, जिनपिंग को लगेगी मिर्ची


पीएम नरेंद्र मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत का चीन ने विरोध किया है। चीन का कहना है कि ताइवान उसका अभिन्न अंग है और नई दिल्ली को ताइवान की राजनीतिक चालों का विरोध करना चाहिए। चीन के बयान पर अमेरिका भारत के साथ है। अमेरिका ने कहा कि बधाई डिप्लोमैटिक कामकाज का सामान्य तरीका है।
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति के बीच सोशल मीडिया पर हुई बातचीत को लेकर चीन ने विरोध जताया है। एनडीए की जीत पर ताइवान के राष्ट्रपति ने बधाई दी थी। जिसके जवाब में पीएम मोदी ने आभार प्रकट किया था। चीन ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि नयी दिल्ली को ताइवान के अधिकारियों की ‘राजनीतिक चालों’ का विरोध करना चाहिए। चीन के धमकी भरे अंदाज पर अब अमेरिका भारत के साथ आ गया है। इसे लेकर जब अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने पूरी रिपोर्ट नहीं देखी है, लेकिन इस तरह के बधाई संदेश डिप्लोमैटिक कामकाज का सामान्य तरीका है।’
चीन के मुताबिक, ताइवान उसका एक विद्रोही और अभिन्न प्रांत है तथा इसे मुख्य भूमि (चीन) के साथ हर हाल में पुनः एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही इसके लिए बल का इस्तेमाल क्यों न करना पड़े। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन संदेशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चीन ने इस पर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। एक संवाददाता सम्मेलन में जब इसे लेकर माओ से उनकी टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो यह कि ताइवान क्षेत्र में कोई राष्ट्रपति नहीं है।’
चीन ने दर्ज कराया विरोध – उन्होंने कहा, ‘चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है। विश्व में केवल एक ही चीन है और ताइवान, चीनी गणराज्य का अविभाज्य हिस्सा है।’ माओ निंग ने कहा, ‘एक-चीन सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त मानदंड है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस पर आम सहमति है। भारत ने इस पर गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धताएं व्यक्त की हैं और उससे अपेक्षा की जाती है कि वह ताइवान के अधिकारियों की राजनीतिक चालों को पहचाने, चिंतित हो तथा उनका विरोध करे। चीन ने इसे लेकर भारत के सामने अपना विरोध दर्ज कराया है।’
क्या हुई थी बातचीत – मोदी ने अपने बयान में कहा था कि वह ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं। मोदी ने यह टिप्पणी लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश में की थी। पिछले महीने निर्वाचित हुए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने मोदी को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में जीत पर मेरी हार्दिक बधाई। हम तेजी से बढ़ती ‘ताइवान-भारत साझेदारी’ को और आगे ले जाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए योगदान दिया जा सके।’
मोदी ने इस बधाई संदेश का जवाब देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘लाई चिंग-ते, आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद। मैं ताइवान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक तथा तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए और अधिक घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं।’