
बीजिंग: चीन ने पीएलए कर्मियों को हिंद महासागर के सामरिक महत्व वाले क्षेत्र जिबूती स्थित अपने सैन्य अड्डे पर भेजा है। चीन का विदेश स्थित यह प्रथम सैन्य अड्डा है। उसके इस कदम से अमेरिका की चिंताएं बढ़ सकती हैं। दरअसल, चीन द्वारा विदेशों में बनाया जा रहा यह प्रथम सैन्य अड्डा है। दूसरा अड्डा पाकिस्तान के ग्वादर में बनाया जा रहा। इसके अलावा चीन की योजना श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को भी अपने नियंत्रण में लेने की है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीनी सैन्य कर्मियों को लेकर जहाज जिबूती स्थित सैन्य अड्डे पर एक सहायक आधार बनाने के लिए दक्षिण चीन के गुआंदोंग प्रांत से कल रवाना हुए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नेवी के कमांडर शेन जिनलोंग ने जिबौती में अड्डा बनाने का आदेश पढ़ा और जहाजी बेड़े को सैन्य झंडा दिखा कर रवाना किया। पीएलए नेवी ने बताया कि पीएलए का जिबूती अड्डा दोनों देशों की दोस्ताना बातचीत में लिया गया फैसला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सैन्य अड्डा अफ्रीका और पश्चिम एशिया में समुद्री बचाव अभियान, शांति सहायता और मानवीय सहायता में चीन को मदद पहुंचाएगा। यह सैन्य अड्डा विदेशों में सैन्य सहयोग, संयुक्त सैन्य अम्यास, विदेश स्थित चीनियों को बचाने और संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सामरिक जल मार्गों की सुरक्षा में भी मदद पहुंचाएगा। इस सैन्य अड्डे का निर्माण कार्य 2011 से चल रहा था।
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