
बीजिंग। सीमा पर तनातनी को एक तरफ करते हुए चीन के सरकारी अखबार ने भारत में जीएसटी लागू करने की तारीफ की है। उसने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है।
लेकिन उसने साथ ही कहा कि भारत की जीएसटी लागू करने समेत आर्थिक सुधार की राह आसान नहीं होगी। अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है।
ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि भारत और यहां तक कि दुनिया अगले विश्व फैक्ट्री के तौर पर चीन का स्थान ले सकेंगे। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है।
यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। हालांकि इसके सामने बड़ी चुनौतियां हैं। इनमें खराब बुनियादी ढांचा और विभिन्न राज्यों में इसे लागू करने की मुश्किलें शामिल हैं।
लेख के मुताबिक, नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में मेक इन इंडिया की शुरुआत की। भारत सरकार देश को वैश्विक कारोबार का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है।
अखबार लिखता है कि भारत बाजार के खुलेपन और एकीकरण के नाजुक मोड़ पर है। इसके लिए मजबूत इरादे और दृढ़ प्रयास की जरूरत होगी।
तनातनी के बीच चीन एक्सपो में भारत के शामिल होने का इच्छुक
सिक्किम में सीमा मौजूदा तनातनी के बीच चीन के एक शहर ने भारत से अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी (एक्सपो) में शामिल होने का आग्रह किया है।
चीन के डोंगगुआन शहर में 21 से 24 सितंबर तक मेरीटाइम सिल्क रोड इंटरनेशनल एक्सपो का आयोजन हो रहा है।
इस सिलसिले में सोमवार को यहां आयोजित कार्यक्रम में डोंगगुआन म्यूनिसिपल शासन के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल चेन किंगसोंग ने भारत को एक्सपो में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन करीबी तौर पर जुड़े हैं। हर साल होने वाला एक्सपो 2014 शुरू किया गया था। तब से भारत इसमें भाग लेता रहा है।
कार्यक्रम के दौरान भारत स्थित चीनी दूतावास की राजनयिक ली रोंगरोंग ने सीमा पर तनातनी को लेकर भारत-चीन आर्थिक संबंध प्रभावित होने से इन्कार किया।
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