
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक नियम बनाने को लेकर संयुक्त प्रयास किए जाने की अपील की। उन्होंने इच्छा जताई कि इनका उपयोग लोकतंत्र को कमजोर करने के बजाय उसे मजबूत करने में किया जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी वाले लोकतंत्र सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के अपने अनुभव साझा करने में भारत को खुशी होगी।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘लोकतंत्र सिर्फ जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए ही नहीं है, बल्कि जनता के साथ , जनता में समाहित भी है। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहु-दलीय चुनाव,स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया जैसी संरचनात्मक विशेषताएं लोकतंत्र के महत्वपूर्ण तत्व हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, लोकतंत्र की बुनियादी मजबूती हमारे नागरिकों और समाज में निहित भावना और लोकाचार है।’’
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि वह सम्मेलन में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधिनित्व कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक भावना हमारे सभ्यागत लोकाचार का अभिन्न हिस्सा है। ’’
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प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों का औपनिवेशिक शासन भारत के लोगों की लोकतांत्रिक भावना को नहीं दबा सका। उन्होंने कहा, ‘‘इसे भारत की आजादी के साथ फिर से पूर्ण अभिव्यक्ति मिली और इसने पिछले 75 वर्षों में लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण की एक असाधारण गाथा रची।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व सामाजिक-आर्थिक समावेश की एक गाथा है। यह अकल्पनीय पैमाने पर स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव कल्याण में निरंतर प्रगति की गाथा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत की गाथा विश्व को यह एक स्पष्ट संदेश है कि लोकतंत्र सफल हो सकता है, लोकतंत्र सफल रहा है और लोकतंत्र सफलतापूर्वक काम करता रहेगा।’’
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