Monday , June 30 2025 6:48 PM
Home / News / रूस के 4000 किलोमीटर भीतर तक ड्रोन अटैक, क्यों यूक्रेन के हमले से भारत को सबक लेने की जरूरत

रूस के 4000 किलोमीटर भीतर तक ड्रोन अटैक, क्यों यूक्रेन के हमले से भारत को सबक लेने की जरूरत


यूक्रेन ने जिस तरह से रूस पर ड्रोन हमले किए, इससे भारत को सीख लेने की आवश्यकता है। इन हमलों से पता चलता है कि भारत को अपने काउंटर ड्रोन सिस्टम को और मजबूत करना होगा। सीमा पर काउंटर ड्रोन सिस्टम की तैनाती के बावजूद, देश के अंदरूनी हिस्सों में सुरक्षा बढ़ाना जरूरी है।
रूस पर यूक्रेन ने जिस तरह से ड्रोन अटैक किए, वो चौंकाने वाले थे। ये हमले काफी अंदर तक किए गए। यूक्रेन ने रूस के कुछ खास बमवर्षक विमानों को भी मार गिराया। यूक्रेन ने उन हवाई अड्डों को भी निशाना बनाया जो युद्ध क्षेत्र से लगभग 5,000 किलोमीटर दूर थे। इन हमलों में लो कॉस्ट ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। यूक्रेन ने इन ड्रोन को चुपके से रूस पहुंचाया। इन हमलों से पता चलता है कि भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।
रूस पर ड्रोन अटैक से उठे सवाल – यूक्रेन ने रूस पर हमला करके दिखाया कि दुश्मन दूर बैठे भी हमला कर सकते हैं। यह भारत के लिए एक चेतावनी है। भारत को अपनी सीमाओं के साथ-साथ अंदरूनी इलाकों में भी ड्रोन से सुरक्षा बढ़ानी होगी। यूक्रेन ने रूस पर जो हमले किए, वे खास थे। सैन्य ठिकाने जो बहुत अंदर तक थे, उन्हें भी आसानी से निशाना बनाया गया।
इसलिए भारत को अलर्ट रहना जरूरी – ये हमले फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन से किए गए। इन ड्रोन को ट्रकों पर रखे कंटेनरों से लॉन्च किया गया। ये ट्रक सैन्य ठिकानों के पास ही पार्क किए गए थे। जिस तरह से यूक्रेन ने रूस पर ड्रोन अटैक किए, इससे भारत को भी अलर्ट रहने की जरूरत है। भारत को काउंटर ड्रोन सिस्टम में और निवेश करना चाहिए।
काउंटर ड्रोन सिस्टम पर खास फोकस – भारतीय सेना ने बॉर्डर पर काउंटर ड्रोन सिस्टम को मजबूत बनाने में बहुत पैसा लगाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने में सफलता मिली। इससे पता चलता है कि ये सिस्टम कितने कारगर हैं। लेकिन, जो ठिकाने देश के अंदर गहराई में हैं, उनके पास अभी तक ड्रोन से बचाव का कोई अच्छा सिस्टम नहीं है। अभी, बॉर्डर के पास जो सिस्टम इस्तेमाल किया जाता है, वो मल्टिलेयर ग्रिड हैं। इसमें जैमिंग उपकरण, एयर डिफेंस गन शामिल हैं।