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दुबई विमान हादसाः पायलट की सूझबूझ ने बचाई 300 जिंदगियां

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नई दिल्लीः तिरुवनंतपुरम से दुबई जा रहे एमिरेट्स एयरलाइन के विमान इके-521 की दुबई एयरपोर्ट पर क्रैश लैंडिंग की गई। विमान में कुल 300 लाेग सवार थे, जिनमें से 275 यात्री और बाकी के क्रू मेंबर्स थे। विमान के लैंड हाेते ही इसके अगले हिस्से में विस्फोट हुआ और यह धू धू कर जल उठा।

यात्रियों ने बताया, पायलट ने ऐलान किया कि विमान दुबई के करीब है और प्लेन के लैंडिंग गियर में गड़बड़ी आ गई है। इस वजह से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ेगी। पायलट के इस ऐलान के बाद क्रेबिन क्रू ने विमान के सभी आपात दरवाजे खोल दिए और लैंडिंग के चंद मिनट के भीतर ही सभी 300 लोगों को बाहर निकाल लिया गया। हालांकि लैडिंग के दाैरान पायलट के सामने कई चुनाैतियां थी और एक गलत निर्णय से 300 जिंदगियां खतरे में पड़ सकती थी।

किन 3 बड़ी बाधाओं को पार कर पायलट बन गया असल हीरो, आइए डालते हैं एक नजरः-

पहली चुनौतीः- पायलट की पहली चुनाती कैरा गांव काे बचाना थी। इस गांव की आबादी 10,000 है। एेसे में पायलट ने बड़ी सूझबूझ से आबादी से महज 500 मीटर की दूरी पर क्रैश लैंडिंग कराई।

दूसरी चुनाैतीः- पायलट की दूसरी सबसे बड़ी चुनौती इसे बिजली की ताराें से बचाना था, क्याेकि इंजन के फेल होते ही 300 मीटर की दूरी पर बिजली की लाइन थी। अगर विमान इससे टकराता तो सभी यात्री मारे जाते। क्योंकि तार छूते ही विमान आग की चपेट में आ जाता और विमान की आग गांव तक पहुंचती।

तीसरी चुनाैतीः- गांव के निकट का पेट्रोल पंप था, जिससे विमान को बचाना था। अगर पेट्रोल पंप पर विमान गिरता तो एक बड़ा हादसे काे होने से कोई नहीं रोक सकता था। इस हादसे की चपेट में गांव भी अा जाता।

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