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रोज-रोज ऐसी बात कर रहा है आपका बच्‍चा, तो समझ लें दिमाग में चल रही है कुछ गड़बड़


बच्‍चे, बड़ों की तरह ज्‍यादा एक्‍सप्रेसिव नहीं होते हैं। यही वजह है कि पैरेंट्स के लिए बच्‍चों का दिमाग पढ़ना और उनकी भावनाओं को समझना मुश्किल होता है। हालांकि, ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से बच्‍चे अपनी असहजता और परेशानियों को दिखा सकते हैं। अक्‍सर बड़े बच्‍चों के स्‍ट्रेस को नजरअंदाज कर देते हैं या उन्‍हें लगता है कि इस पर ध्‍यान देने की जरूरत नहीं है लेकिन इस वजह से बच्‍चे में मानसिक समस्‍याएं हो सकती हैं। अगर आप भी पैरेंट हैं तो अपने बच्‍चे के अंदर यहां बताई गई मेंटल हेल्‍थ प्रॉब्‍लमों के संकेतों को समझ सकते हैं।
दुखी रहने और लगातार दुखी रहने के बीच में बहुत हल्‍का-सा फर्क होता है। दुखी रहना कुछ समय के लिए होता है लेकिन लगातार दुखी रहना दो हफ्ते या इससे ज्‍यादा समय तक चल सकता है। Mayoclinic के अनुसार यह बच्‍चे में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का संकेत हो सकता है। लगातार दुखी रहने से बच्‍चे में डिप्रेशन भी हो सकता है। कोई दुखी और खाली महसूस कर सकता है और रोजमर्रा के कामों में उसकी रूचि कम हो सकती है और उसके आत्‍मविश्‍वास में भी कमी आ सकती है। यह बच्‍चे के वर्तमान और भविष्‍य दोनों के लिए सही नहीं है।
बिहेवियर और मूड में बदलाव – मेंटल हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍या से जूझ रहे बच्‍चे के मन में कई तरह की भावनाएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। इससे उसके व्‍यवहार में भी बदलाव आ सकता है या वो बहुत ज्‍यादा चिड़चिड़ा हो सकता है। हो सकता है कि वो खुद को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे। आपका बच्‍चा दुखी, बेचैन या बहुत ज्‍यादा गुस्‍सा कर सकता है।
इग्‍नोर करने का बिहेवियर – जब बच्‍चा सोशल लाइफ से दूरी बनाने लगे और दोस्‍तों के बीच भी उसका मन ना लगे, तो यह किसी परेशानी का संकेत हो सकता है। बच्‍चा लगातार सोशल लाइफ में इंटरैक्‍ट करने से पीछे हटने लगता है। इस बिहेवरियल बदलाव से निपटने का हर बच्‍चे का अलग तरीका हो सकता है। हो सकता है कि छोटे बच्‍चे टैंट्रम दिखाएं, रोएं या परिस्थिति से भागने की कोशिश करें। वहीं बड़े बच्‍चों का इससे डील करने का तरीका अलग हो सकता है।
सुसाइड के बारे में बात करें – जब बच्‍चा या कोई भी इंसान मरने और सुसाइड के बारे में बात करना शुरू करे, तो इस चीज को कभी भी इग्‍नोर ना करें। अगर आपका बच्‍चा लगातार इस तरह की बातें करता है या ये कहता है कि ‘काश वो मर जाता’ तो आपको उसकी इस बात को तुरंत गंभीरता से लेने की जरूरत है। उसकी प्रॉब्‍लम का कारण जानने की कोशिश करें। उसे बताएं कि वो क्‍यों खास है और आप उससे इतना प्‍यार क्‍यों करते हैं।
शारीरिक लक्षण – हर इंसान में मेंटल हेल्‍थ प्रॉब्‍लम के शारीरिक लक्षण होते हैं। इन बच्‍चों को सिरदर्द, थकान और पेट दर्द हो सकता है। ऐसा कई बच्‍चों को महसूस हो सकता है लेकिन अगर ये लगातार हो रहा है तो आपको पीडियाट्रिशियन को दिखाना चाहिए।