अगर आप एक बेटी की मां हैं, तो यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी लाडली को पीरियड्स आने की उम्र में इससे जुड़ी पूरी और सही जानकारी देना शुरू कर दें, ताकि जब वह इस नए अनुभव से गुजरे, तो उसके मन में कोई घबराहट और डर न रहें।
बेटियां जब बड़ी होने लगती हैं, तो उनका शरीर धीरे-धीरे कई बदलावों से गुजरता है। इन्हीं बदलावों में एक महत्वपूर्ण बदलाव होता है- पीरियड्स। अब ऐसे समय में एक मां की भूमिका सबसे अहम हो जाती है। मां के रूप में आपकी जिम्मेदारी है कि आप न सिर्फ बेटी को इस नए पड़ाव के लिए मानसिक रूप से तैयार करें, बल्कि उसे इससे जुड़ी हर जरूरी जानकारी भी दें।
उसे समझाएं कि मासिक धर्म क्या होता है, इसके लक्षण क्या हो सकते हैं, यह महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है और इस दौरान खुद की देखभाल कैसे करनी चाहिए। यह सब जानकारी दें, जिससे जब उसकी जिंदगी में यह आए तो, तो वह न घबराए, और शर्माए नहीं बल्कि पूरी समझदारी और सहजता के साथ इसका सामना कर सके।
क्या होते हैं पीरियड्स ? – बतौर मां सबसे पहले तो आप बेटी को सरल भाषा में समझाएं कि पीरियड्स एक नैचुरल प्रक्रिया है, जिससे हर लड़की को गुजरना पड़ता है। उन्हें बताएं कि यह कोई बीमारी नहीं, शर्म की बात नहीं- बल्कि यह हर महिला के शरीर की एक अहम प्रक्रिया है।
क्या हैं मासिक धर्म के लक्षण – मां अपनी बेटियों को बताएं कि मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द या ऐंठन, अचानक चिढ़चिढ़ापन या उदासी हो सकती है। इसके अलावा, वह थकान या फिर शरीर में अजीब सा भारीपन महसूस कर सकती हैं।
हर महीने होगी ब्लीडिंग – लाडली को समझाएं कि पीरियड्स के दौरान हर महीने प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग होती हैं। ये ब्लीडिंग आमतौर पर 4 से 5 दिनों तक चलती है और कुछ लड़कियों में यह थोड़ा कम या ज्यादा भी हो सकती है-जो बिल्कुल सामान्य है। इसलिए इससे घबराएं नहीं।
कब बदलना होता है पैड्स -बेटियों को यह भी समझाएं कि पीरियड्स के दौरान अपनी साफ-सफाई (हाइजीन) बनाए रखने के लिए पैड को हर 4 से 5 घंटे में बदलना जरूरी होता है। इसलिए उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि संक्रमण या अन्य परेशानी से बचा जा सके।
पैड्स का इस्तेमाल करना समझाएं -मम्मियां लड़कियों को यह भी समझाएं है कि पीरियड्स के दौरान उनके प्राइवेट पार्ट से जो ब्लीडिंग होती है, उससे कपड़े खराब न हों और संक्रमण से बचा जा सके तो इसके लिए सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल किया जाता है।
खुद से करें प्यार – माएं अपनी बेटियों से जरूर कहें कि हर महीने आने वाले पीरियड्स से घबराएं या परेशान न हों। ये कोई सजा नहीं, बल्कि उनके शरीर के स्वस्थ और सामान्य होने का संकेत है। बेटियों को सिखाएं कि वे अपने शरीर को अपनाएं और खुद से प्यार करें
Home / Lifestyle / फर्स्ट पीरियड आने से पहले ही बेटी को समझा दें डरावने लक्षण, मां की 5 बातें निकाल देंगी उसका सारा डर