काबुल : अफगानिस्तान में एक एेसा मामला सामने अाया है जिसे पढ़कर अाप हैरान रह जाएंगे। बता दें कि अफगानिस्तान में एक बेटा आतंकी और पिता फौजी था। वह कई सालों से एक-दूसरे पर गोलियां बरसाते रहे। जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से बेटे ने पिता के सामने ही सरेंडर कर दिया है। लेकिन खास बात तो यह है कि सरेंडर के बाद बेटा बाप के साथ अब कंधे से कंधा आतंकियों से लोहा ले रहा है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तरी अफगानिस्तान के एक ही घर में ये दो दुश्मन पैदा हो गए थे। बताया जा रहा है कि बेटा तालिबान का साथ छोड़कर पिता की पास लौट आया। इस मेल का शानदार जश्न मना। लेकिन, दोनों ने एक-दूसरे को फूलों की माला पहनाई ही थी कि भारी गोला-बारूद के साथ तालिबान ने हमला कर दिया।
पिता अब्दुल बसीर ने हथियार उठाए और तालिबान पर हमला बोल दिया। फिर बेटे सईद मोहम्मद ने भी अपने पुराने तालिबान कमांडरों के खिलाफ गन उठा ली। पिता बसीर कहते हैं – वो मेरा बेटा था। लेकिन कायर हो गया था और मुझ पर ही वार कर रहा था। लेकिन अब मैं बहुत खुश हूं कि वो हमारे पास लौट आया है। मैंने उसे गले लगाकर फिर अपना लिया है।
कैसा बना बेटा आतंकी?
दरअसल 1990 के दशक में बसीर, अब्दुल रशीद दोस्तम की सेना में कमांडर थे। और फरयाब प्रांत में एक स्थानीय मौलवी सैय्यद तालिबान का कमांडर था। वहीं दूसरी ओर बसीर और मौलवी एक-दूसरे के खिलाफ कई सालों तक गोलीबारी करते रहे। सूत्रों के मुताबिक 2001 में अमरीकी सेना अफगानिस्तान पहुंची तो बसीर की ताकत बढ़ गई। वो चाहते तो मौलवी को खत्म कर सकते थे, लेकिन उन्होंने उसे इस शर्त पर माफ किया कि वो तालिबान का साथ छोड़ देगा। उन्होंने मौलवी की मदद की और एक मस्जिद में मौलवी कोे इमाम बनवा दिया।
मौलवी ने वादा किया था कि वो तालिबान से अपने रिश्ते खत्म कर लेगा। हालांकि उसने किया नहीं। कुछ वक्त बाद बसीर का बेटा सईद भी मौलवी के साथ मिल गया। मौलवी ने उसे तालिबान के साथ मिलकर आतंकी बना दिया। कई सालों तक सईद आतंकी ही रहा। हालांकि बाद में उसने अपने ही पिता के सामने सरेंडर कर दिया।