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इंडियन एयरफोर्स की पहली वुमन फाइटर पायलट्स का आज कमीशन

670-air-force_1457663532_मोहना सिंह, अवनी चतुर्वेदी और भावना (बाएं से दाएं)। तीनों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और 18 जून इनका कमीशन होगा।

नई दिल्ली. शनिवार की सुबह एयरफोर्स के इतिहास में फ्लाइंग कैडेट्स भावना कांत, अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह नया चैप्टर जोड़ देंगी। इंडियन एयरफोर्स में ज्वाइनिंग के साथ ये पहली वुमन पायलट्स होंगी जो फाइटर जेट्स उड़ाएंगी। तीनों ने पहले स्टेज की ट्रेनिंग के तहत करीब 150 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी कर ली है। अब वे अगले 6 महीने तक एडवांस्ड फाइटर जेट- ब्रिटेन में बना हॉक एडवांस उड़ाने की ट्रेनिंग लेंगी और फिर स्क्वाड्रन भेजी जाएंगी।

एयरफोर्स चीफ कह चुके हैं- नहीं बरती जाएगी कोई रियायत…

– एयरफोर्स चीफ अरुप साहा पहले ही कह चुके हैं कि इन पायलट्स को महिला होने पर कोई रियायत नहीं मिलेगी।
– उन्हें फोर्स की जरूरत के हिसाब से तैनात किया जाएगा।

– 2017 में वे पूरी तरह से फाइटर पायलट बन जाएंगी।

ट्रेनिंग के एक्सपीरिएंस
– तीनों पायलट्स फ्लाइंग के वक्त होनी वाली तकलीफों को ट्रेनिंग के दौरान झेल लिया है।
– ट्रेनिंग के दौरान इन्होंने न केवल कामयाब फ्लाइंग और एक्सीडेंट के बीच का अंतर समझा बल्कि मौत को करीब से देखा।

  1. अवनी चतुर्वेदी- दूसरी उड़ान के कुछ देर पहले कैंसल करनी पड़ा था टेकऑफ

– अवनी ने बताया, ”दूसरी सोलो फ्लाइंग के कुछ मिनट पहले ही मुझे टेकऑफ कैंसल करनी पड़ी थी। फर्स्ट मार्कर के पास जैसे ही टेकऑफ के लिए रोलिंग शुरू की मैंने कैनोपी वॉर्निंग सुनी।”
– उन्होंने कहा कि शुरुआत में वॉर्निंग उन्हें कन्फ्यूज्ड कर देती थी। पर कई घंटों की ट्रेनिंग से अब ऐसा नहीं होता।
– कैडेट चतुर्वेदी का कहना है, ” पायलट को एक सेकंड से भी कम वक्त में फैसला लेना होता है।”
– ”कहीं मैंने टेकऑफ में एबोर्टिंग डिले तो नहीं कर दिया या ओपेन केनोपी में एयर तो नहीं आ गई। ये तबाही का कारण बन सकता है।”

  1. भावना ने कहा- मैं सोचने लगी अगर एयरक्राफ्ट ने रिस्पांड नहीं किया तो

– 20 हजार फीट पर पहली सोलो स्पिन फ्लाइंग पर जाने से पहले भावना कांत के दिमाग में भी कई विचार आए थे।
– उन्होंने कहा, ”मैं डाउट करने लगी कि कहीं एयरक्राफ्ट ने रिस्पांड नहीं किया तो क्या होगा।”
– ”हालांकि, मैं स्पिन के लिए गई। मेरे अंदर का फाइटर पायलट उससे पार पा लिया। रिकवरी एक्शन ड्रिल ने हमें उबारा। जैसे ही एयरक्राफ्ट स्पिन से रिकवर हुई वैसे ही मेरा कॉन्फिडेंस भी रिकवर हुआ।”

  1. मोहना सिंहः पहली ही फ्लाइंग में हुआ था खराब मौसम से सामना

– फ्लाइंग कैडेट मोहना सिंह को पहली ही फ्लाइंग में खराब मौसम से जुझना पड़ा था।
– ”पहली नाइट फ्लाइंग में आसमान में तारों और जमीन पर लाइट के बीच में अंतर नहीं कर पा रही थी।”
– ”इसके कारण उतनी ऊंचाई पर एयरक्राफ्ट मेंटन करना मुश्किल हो गया था।”
– ”इस दौरान मैंने सीखा कि अपने सिर को बिना वजह मूव न करो और फिर मैंने कंट्रोल पूरा कर फ्लाइट को रिकवर किया।”

कौन हैं ये तीनों पायलट?
– तीन में एक अवनी मध्य प्रदेश के रीवा से हैं। उनके पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और भाई आर्मी में हैं।
– भावना बिहार के बेगूसराय की रहने वाली हैं।
– मोहना गुजरात के वडोदरा की हैं। उनके पिता एयरफोर्स में वारंट अफसर हैं।