नई दिल्ली: राज्यसभा में गत बुधवार को आखिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक कांग्रेस और दूसरे दलों के समर्थन की बदौलत पास हो गया है। जीएसटी विधेयक पर हुए मत विभाजन में 203 सदस्यों ने पक्ष में वोट डाला जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। ऊपरी सदन में करीब 8 घंटे की लंबी चर्चा के बाद देर शाम बिल पर वोटिंग हुई। सरकार ने देश में एक समान जीएसटी ढांचा लागू करने वाला एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण माना जा रहा ऐतिहासिक और बहुचर्चित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किया।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने अपनी दलीलों के साथ सरकार को उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद समर्थन दिया और मत विभाजन के बाद जीएसटी विधेयक पारित हो गया। बिल के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी दलों और उनके सदस्यों को धन्यवाद कहा। वहीं वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बिल के पास होने के बाद केक काटकर खुशियां मनाई। इससे पहले उन्होंने ही संशोधित बिल को सदन के पटल पर रखा था। उन्होंने जीएसटी को बीते एक दशक का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार करार दिया।
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ये होंगे बड़े बदलाव
-पहला, राज्यों के बीच कारोबार पर 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स नहीं लगेगा। मूल विधेयक में राज्यों के बीच व्यापार पर 3 साल तक 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगना था।
-दूसरा, जीएसटी से नुकसान होने पर अब 5 साल तक 100% मुआवजा मिलेगा। मूल विधेयक में 3 साल तक 100%, चौथे साल में 75% और 5वें साल में 50% मुआवजे का प्रस्ताव था।
-तीसरा, विवाद सुलझाने के लिए नयी व्यवस्था की गई है, जिसमें राज्यों की आवाज बुलंद होगी। पहले विवाद सुलझाने की व्यवस्था मतदान आधारित थी, जिसमें दो-तिहाई वोट राज्यों के और एक तिहाई केंद्र के पास थे।
-विधेयक में जीएसटी के मूल सिद्धांत को परिभाषित करने वाला एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा, जिसमें राज्यों और आम लोगों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया जाएगा।
ऐसे बनेगा कानून
जीएसटी विधेयक बीते साल लोकसभा में पारित हो चुका है। अब राज्यसभा में पास होने के बाद भी इसे कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी चाहिए। यह मंजूरी मिलने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। हालांकि इसके बाद केंद्र सरकार को केंद्र और राज्य के लिए जीएसटी से जुड़े कानून बनाने होंगे।
जीएसटी बिल पास होने पर वित्तमंत्री ने केक काटकर मनाई खुशी
जीएसटी बिल लागू होने से क्या फायदा?
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा अप्रत्यक्ष करों की जगह लेगा। इसके लागू होने पर एक्साइज, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, वैट, सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स और ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स जैसे कई टैक्स खत्म हो जाएंगे। पूरे देश में एक समान टैक्स लागू होने से कीमतों का अंतर घटेगा।
यहां ये बताना भी जरूरी है कि जीएसटी लागू होने के बाद भी पैट्रोल, डीज़ल, शराब और तंबाकू पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार और उद्योग जगत दोनों का ही मानना है कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में कारोबार करना आसान होगा, जिससे जीडीपी में कम से कम 2 फीसदी की बढ़ौतरी हो सकती है।
क्या सस्ता क्या महंगा ?
GST के लागू होने से देश भर में टैक्स की दरें बदलेंगी जिसका असर सामानों कीमतों पर भी पड़ेगा। जीएसटी बिल में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर 18 फीसदी रखे जाने की चर्चा है।
-डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे हो सकते हैं।
-कपड़े, रत्न-आभूषण महंगे हो सकते हैं, इन पर कम से कम 12 फीसदी टैक्स लगने के आसार हैं, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं।
-मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल महंगे होने के आसार हैं, इसके अलावा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट महंगे पड़ेंगे क्योंकि जीएसटी में टैक्स एमआरपी पर लगेगा।
-छोटी कारें और मिनी एसयूवी सस्ती हो सकती हैं।
-घरेलू सामान एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन सस्ते हो सकते हैं।
-रेस्तरां का बिल कम होगा क्योंकि जीएसटी के तहत सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा।
-जीएसटी से एंटरटेनमेंट टैक्स कम होगा, इससे सिनेमा के टिकट सस्ते होने की उम्मीद की जा सकती है।
-उद्योगों को जीएसटी लागू होन पर 18 तरह के टैक्स नहीं भरने पड़ेंगे. टैक्स भरने की प्रक्रिया भी आसान होगी।