Saturday , August 9 2025 4:39 AM
Home / News / प्रिगोझिन से पुतिन नाराज, फिर वैगनर को फंडिंग कौन कर रहा? ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का बड़ा खुलासा

प्रिगोझिन से पुतिन नाराज, फिर वैगनर को फंडिंग कौन कर रहा? ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का बड़ा खुलासा


रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के बाद से ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन येवगेनी प्रिगोझिन से नाराज हैं। येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में ही वैगनर लड़ाकों ने रूस के खिलाफ विद्रोह किया था। इस विद्रोह के बाद रूस ने वैगनर ग्रुप के साथ अपने सभी संबंधों को तोड़ते हुए देश छोड़कर जाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद वैगनर लड़ाकों की ठाठ बाट में कोई कमी नहीं दिख रही है। हाल में ही वैगनर लड़ाकों को अफ्रीकी देश नाइजर में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां की सेना के साथ गश्त लगाते देखा गया है। ऐसे में शक जताया जा रहा है कि रूस के मुंह मोड़ने के बाद वैगनर ग्रुप को कहां से फंडिंग मिल रही है।
वैगनर को फंडिंग नहीं कर रहा रूस – यूनाइटेड किंगडम के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने एक बयान में कहा कि बड़ी संभावना है कि रूस अब भाड़े के वैगनर समूह की गतिविधियों को फंडिंग या फाइनेंस नहीं करेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जून 2023 में रूसी सेना के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ असफल विद्रोह का नेतृत्व करने के बाद रूस ने वैगनर के मालिक येवगेनी प्रिगोझिन के कुछ अन्य व्यावसायिक हितों के खिलाफ काम किया है।
बेलारूस से पैसा पा रहे वैगनर लड़ाके – ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अगर रूस अब वैगनर को भुगतान नहीं कर रहा है तो दूसरा सबसे प्रशंसनीय भुगतानकर्ता बेलारूसी अधिकारी हैं। हालांकि, आकार में बड़ा होने के कारण बेलारूस के लिए वैगनर को फाइनेंस करना और फंड उपलब्ध कराना संभावित रूप से नुकसान पहुंचाएगा। रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि इसके परिणाम स्वरूप वैगनर समूह संभवत पैसों की तंगी के वक्त में लड़ाकों के वेतन खर्चों को बचाने के लिए आकार में कमी और अपने फॉर्मेशन को छोटा करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
वैगनर को यूएई से भी मिल सकती है मदद – वैगनर ग्रुप का संयुक्त अरब अमीरात से भी मजबूत कनेक्शन बताया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यूएई ने वैगनर को 2018 में अफ्रीका में एक ब्रिजहेड प्रदान किया जिससे समूह को अन्य क्षेत्रीय राज्यों में खुद को स्थापित करने की अनुमति मिली। इस एहसान को चुकाने के लिए वैगनर लड़ाकों ने तब से अरबों डॉलर की कीमत का सोना अफ्रीका से यूएई पहुंचाया है। सोना का यूएई की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान माना जाता है। ऐसे में वैगनर को बचाए रखने में यूएई का अपना फायदा है। अगर यूएई वैगनर समूह को सहायता देता है तो इससे रूस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।