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जर्मनी ने चली ऐसी सीक्रेट चाल, भारत और रूस दोस्‍ती में आ सकता है तनाव, जानें क्‍यों भड़क सकते हैं पुत‍िन


जर्मनी ने भारत के साथ तोप के गोले खरीदने के लिए एक गोपनीय बातचीत शुरू की है। ये तोप के गोले यूक्रेन को दिए जाने हैं। जर्मन अखबार स्पिगेल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बड़ा दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्‍यस्‍थों के जरिए हथियारों की खरीदने की संभावना पर भी व‍िचार किया जा रहा है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत के पास लाखों की तादाद में तोप के गोले हथियारों के गोदाम में पड़े हुए हैं। वहीं भारत ने अभी भी जर्मनी को तोप के गोले देने के बारे में अनिच्‍छा जताई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत और रूस के बीच दोस्‍ती दशकों पुरानी है और आज भी भारत के करीब 65 फीसदी हथियार रूसी मूल के हैं।
यही वजह है कि जर्मनी चाहता है कि मध्‍यस्‍थों के जरिए भारत यूक्रेन को यह तोप के गोले मुहैया कराए। वहीं भारत के अलावा जर्मनी अरब देशों के साथ भी इस तरह के तोप के गोले की डील करना चाहता है। कई अरब देशों के पास बहुत बड़ी तादाद में तोप के गोले मौजूद हैं। जर्मनी भारत और अरब देशों की मदद से यूक्रेन के हथियारों के खाली पड़े गोदाम को फिर से भरना चाहता है। हाल ही में जर्मनी ने अरबों डॉलर के सैन्‍य मदद को मंजूरी दी है। इसमें स्‍वचालित तोपें भी शामिल हैं। जर्मनी अपने भंडार से भी यूक्रेन को तोप के गोले भेज रहा है।
जर्मनी का ऑफर, रूस पर दुविधा में फंसा भारत – विश्‍लेषकों का कहना है कि अगर यह घटनाक्रम भारत को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल सकता है। यूक्रेन युद्ध के बाद भी भारत और रूस के रिश्‍ते लगातार नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। भारत और रूस के बीच व्‍यापार ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यही नहीं भारत को रूस ने अरबों डॉलर का तेल बेचा है। भारत और रूस के बीच हथियारों की डील और आपूर्ति भी हुई है। भारत ने रूस से एस 400 लिया है। माना जा रहा है कि अमेरिका के सैन्‍य मदद के संसद में फंस जाने की वजह से अब यूरोपीय देशों को भारत और अरब देशों से गुहार लगानी पड़ रही है।