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‘फिल्में नहीं मुजरा देखने जाओ’, परेश रावल को टिकट के बढ़ते दाम से दिक्कत, थिएटर में आराम फरमाने वालों को फटकारा

दिग्गज अभिनेता परेश रावल ‘हेरा फेरी 3’ में बाबूराव के किरदार में वापसी करेंगे। उन्होंने मल्टीप्लेक्स में टिकट की कीमतों और रिक्लाइनर सीटों पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि आम जनता के लिए फिल्म देखना मुश्किल हो गया है।
दिग्गज एक्टर परेश रावल 2025 में अपनी फिल्म ‘हेरा फेरी’ के तीसरे पार्ट को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। परेश ने हाल ही में खुलासा किया है कि उनके और अक्षय कुमार के बीच सब कुछ सुलझ गया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि फैंस उन्हें ‘हेरा फेरी 3’ में फिर से ‘बाबूराव’ के रोल में देखेंगे। हालांकि, एक्टर ने मल्टीप्लेक्स में टिकट की भारी कीमतों और रिक्लाइनर सीट व्यवस्था पर अपने बयान के लिए फिर से सुर्खियां बटोरीं।
हाल ही में हिमांशु मेहता के साथ उनके पॉडकास्ट पर बातचीत में परेश रावल ने हिंदी सिनेमा में टिकट की कीमतों में वृद्धि की आलोचना की। दिग्गज एक्टर ने एक साउथ सिनेमा के मॉडल से भी तुलना की, जहां टिकट की कीमतें ठीक ठाक हैं और आमतौर पर 200 रुपये से अधिक नहीं होती हैं। परेश ने शेयर किया कि अगर किसी खास फिल्म का समर्थन केवल अमीर लोग करते हैं और आम जनता टिकट की बढ़ी हुई कीमतों के कारण उससे बचती है, तो यह बहुत गलत है।
परेश रावल ने की पते की बात – उन्होंने कहा, ‘अगर आम जनता आपकी फिल्म को नकार देती है और सिर्फ अमीर वर्ग ही आपकी फिल्मों का समर्थन करता है, तो यह गलत है। अगर 5-6 सदस्यों वाला एक मध्यम वर्गीय परिवार फिल्म देखने जाता है, तो उनके पास 5000-6000 रुपए होते हैं तो वे निकल जाते हैं। साथ ही, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि फिल्म आपको संतुष्ट करेगी।
मल्टीप्लेक्स की सीटों पर भड़के परेश रावल – बातचीत में आगे परेश ने मल्टीप्लेक्स में बैठने की व्यवस्था के बारे में भी बात की और उन लोगों पर कटाक्ष किया जो फिल्म देखने के बजाय आराम करने के लिए मल्टीप्लेक्स जाते हैं। उन्होंने पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक्स के ऑर्डर लेने के लिए वेटरों के इधर-उधर घूमने की अवधारणा की भी आलोचना की और कहा कि यह कोई शादी समारोह नहीं है। उन्होंने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया जो तकिया लेकर थिएटर में बैठते हैं।