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गिनीज रिकॉर्ड धारक भारतीय, रेबेका का सपना न्यूजीलैंड में पूरा

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ऑकलैंड टेक्नोलॉजी विश्वविध्यालय में महामहिम प्रणब मुख़र्जी के कार्यक्रम के दौरान बेंगलुरु की रेबेका (नीली साड़ी में) राष्ट्रपती के साथ |

ऑकलैंड: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ मुलाकात करने वाली भारतीय मूल की गिनीज रिकॉर्ड धारक रेबेका टेलर ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भारत के राष्ट्रपति से मिलने का उसका सपना एक दिन उसके घर बेंगलूरू से दूर न्यूजीलैंड में सच होगा।

ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इवेंट मैनेजमेंट में डिग्री कोर्स कर रही 29 साल की रेबेका ने कहा, “जब मैं अपने बचपन में राष्ट्रपति भवन की भव्यता देखती थी तो मैं हमेशा सोचती थी कि क्या मैं कभी इसमें निवास करने वालों से मिल पाउढंगी। मुझे कभी नहीं लगता था कि हजारों मील दूर यह सपना सच होगा।”

राष्ट्रपति यहां दो मई को विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक समारोह के लिए आये थे जहां उन्होंने न्यूजीलैंड की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने तब अध्यापन के प्रति अपने अगाध प्रेम को व्यक्त किया था और कहा कि उन्होंने आमंत्रण इसलिए स्वीकार कर लिया “क्योंकि उनके अंदर एक शिक्षक अब भी है, जो करीब पांच दशक पहले तब कहीं दब गया था जब मैंने संसद में प्रवेश किया था।” उन्होंने कहा था, “जब मैं चमकती हुई आंखों, तेज दिमाग वाले, चीजों को ग्रहण करने और हमेशा सवाल करने वाले युवक युवतियों से मिलता हूं तो कई बार मेरे अंदर वही स्वभाव जाग्रत होता है और मुझे शिक्षक के रूप में बदलने की कोशिश करता है।”

सबसे बड़ी टीलाइट मोमबत्ती बनाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखने वाली रेबेका के लिए उस समय गौरवपूर्ण क्षण था जब उसने अपनी कृति राष्ट्रपति को भेंट की जिसमें उसने न्यूजीलैंड के प्रतीक के रूप में पहचान पाने वाले चांदी जैसे चमकीले पत्ते से भारत के राष्ट्रीय पक्षी, पशु और फूल को परंपरागत डिजाइन और रंग रूप दिया। इस कलाकृति को प्राप्त करने के बाद राष्ट्रपति की पहली प्रतिक्रिया थी, “सुंदर”। उन्होंने रेबेका को गिनीज रिकॉर्ड रखने के लिए बधाई भी दी।

जब विश्वविद्यालय के कुलपति डेरेक मैककॉरमैंक ने रेबेका से राष्ट्रपति के साथ उनकी कार तक जाने को कहा तो उसके उत्साह का “िकाना नहीं रहा। उसने कहा, “वह मेरे सर्वश्रेष्” शिक्षक रहे और मैं चाहूंगी कि मेरे ऐसे एक शिक्षक हों जो दुनिया और देश के इतिहास पर चलता-फिरता इनसाइक्लोपीडिया हैं।”

जब राष्ट्रपति रवाना होने वाले थे तो कुलपति ने मुखर्जी के साथ रेबेका की तस्वीर खींचने के लिए उसका फोन लिया, जिस पर मुखर्जी ने मजाकिया अंदाज में कहा, “नया जमाना है जब कुलपति विद्यार्थी की तस्वीर लेता है।” बेंगलूरू की रहने वाली रेबेका ने परंपरागत भारतीय शैली में राष्ट्रपति के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया।

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