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Harvard की डॉक्‍टर ने दी चेतावनी, 8 घंटे तक बैठे रहना रोज सिगरेट पीने जितना खतरनाक, पहले खराब होंगे ये अंग


स्‍मोकिंग को साइलेंट किलर माना जाता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि दिनभर में ज्‍यादा देर तक एक जगह पर बैठे रहना भी स्मोकिंग करने के बराबर है। एक रिसर्च के अनुसार, लंबे समय तक बैठे रहने से हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। यह बीमारियां समय से पहले व्‍यक्ति की मौत के लिए जिम्‍मेदार हैं।
​क्‍या आप उन लोगों में से हैं, जो सिगरेट नहीं पीते, फिर भी बीमारियों के शिकार हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि स्‍मोकिंग करने वाले लोगों को बीमारियां घेर लेती हैं, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। तेज धूप या भागदौड़ से बचे रहने के लिए आप सिटिंग जॉब कर रहे हैं, तो भी आप बीमारियों के गिरफ्त में आ सकते हैं।
​हावर्ड मेडिकल स्‍कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. आई मिन ली ने सिंडेंट्री लाइफस्‍टाइल को स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरा माना है। हालांकि बैठे रहने और धूम्रपान करने की आदत सेहत को अलग अलग तरह से प्रभावित करती हैं, लेकिन कुछ स्‍टडीज मानती हैं कि दोनों में कुछ समानताएं हैं। तो आइए जानते हैं कैसे सिटिंग स्‍मोकिंग के समान है और सेहत को कैसे होता है इससे नुकसान।
8 घंटे से ज्‍यादा बैठने से बढ़ता है मौत का खतरा – रिसर्च बताती है कि दिन में 6 से 8 घंटे से ज्‍यादा समय तक बैठे रहने से समय से पहले मौत हो सकती है। फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्‍टेंट डॉ. मोहित शर्मा के अनुसार जर्नल एनल्‍स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पब्लिश एक मेटा एनालिसिस में पाया गया है कि आलसियों की तरह लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहने से हृदय रोग, कैंसर, टाइप टू डायबिटीज के साथ प्री मेच्‍योर डेथ का रिस्‍क बढ़ सकता है।
40-50 फीसदी बढ़ता है हृदय रोग का खतरा – एक्सपर्ट मानते हैं कि दिन में 8 घंटे से ज्‍यादा बैठे रहने से मौत का खतरा 34 फीसदी बढ़ता है। खासतौर पर अगर कोई व्यक्ति दिनभर में 1 से 5 सिगरेट पीता है, तो सिगरेट न पीने वालों की तुलना में उसमें दिल से जुड़े रोग का खतरा 40-50 फीसदी तक बढ़ सकता है। स्टडी के अनुसार, रोजाना 60-75 मिनट की मॉडरेट इंटेसिटी फिजिकल एक्टिविटी की जाए, तो बैठे रहने से होने वाले नुकसानों से बचने में मदद मिलती है।
आपको जानकर हैरत होगी कि लगातार 8 घंटे तक बैठने की तुलना हर सप्ताह 10-15 सिगरेट पीने से की गई है। डॉक्टर के अनुसार, धूम्रपान का नकारात्मक प्रभाव शरीर पर बहुत जल्दी दिखाई देता है, जबकि बैठे रहने से पुरानी और लंबे वक्त तक चलने वाली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं पैदा होती हैं। दोनों ही आदतें मनुष्‍य की जीवनशैली को नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए रूटीन की आदतों में छोटे छोटे बदलाव करते रहना चाहिए।
देर तक बैठे रहने से होते हैं ये रोग – दिमागी सेहत को नुकसान – लंबे समय तक बैठे रहने से कैंसर के अलावा मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बिना ब्रेक लिए देर तक बैठने से व्‍यक्ति में अवसाद और चिंता जैसी भावनाएं पैदा होती हैं। ऐसे में व्‍यक्ति को हर 30 मिनट के लिए अपने काम से ब्रेक जरूर लेना चाहिए। इस दौरान वह पानी पी सकता है या फिर ऑफिस में ही टहल सकता है।
बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल लेवल – अगर आप जल्‍दी काम खत्‍म करने के चक्‍कर में घंटों तक एक ही जगह बैठकर काम करते हैं, तो शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल यानी बैड कोलेस्‍ट्रॉल के लक्षण दिख सकते हैं। हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कॉड्रियोवस्‍कुलर डिजीज के लिए जिम्‍मेदार है। एक्‍सपर्ट की सलाह है कि दिल को स्‍वस्‍थ बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करना बहुत जरूरी है।
बैठे रहने की आदत से बचने के उपाय – – हर दिन फिजिकल एक्टिव रहने वाले लोगों को भी चलते रहना चाहिए।
– बीच- बीच में काम से ब्रेक लेते रहें। आप चाहें, तो टाइमर सेट कर सकते हैं।
– एक एडजस्टेबल डेस्‍क का इस्‍तेमाल करें, ताकि आप खड़े और बैठकर दोनों तरह से काम कर सकें।
– बैठने के लिए कुर्सी की जगह मेडिसिन बॉल का उपयोग कर सकते हैं। इससे काेर मसल्‍स एक्टिव रहेंगी
– लिफ्ट लेने के बजाय जितना हो सके, सीढ़ियों का इस्‍तेमाल करें।
– घर पर टीवी देखते समय शरीर को एक्टिव रखने के लिए एपिसोड के बीच में उठकर टहल लें।