आपके सोने का तरीका जैसा भी है, वह आपके क्रिया-कलापों, मन की बातों, आदतों एवं आपके विषय में सब कुछ सच-सच बता देता है।
पेट के बल सोना : अगर आप पेट के बल सोने के आदी हैं, तब निश्चित ही असुरक्षा एवं अनजाने भय की आशंका आपके भीतर कूट-कूट कर भरी है। आप किसी भी प्रकार का खतरा उठाने के लिए सहज रूप से तैयार नहीं होते।
पांवों को कस कर सोना : अगर आप सोते समय पांवों को बेतरह जकड़ लेते हैं और अपने सारे शरीर को अच्छी प्रकार ढंक कर सोने के आदी हैं, तब निश्चय ही आपका जीवन संघर्षपूर्ण रहेगा। जरा-जरा सी बातों के लिए आपको कठोर से कठोर परिश्रम करना होगा। आपका जीवन लाख न चाहने पर भी अस्त-व्यस्त होता रहेगा।
शरीर सिकोड़ कर सोना : नि:संदेह आप डरपोक हैं। घोर असुरक्षा की भावना आपके मन में कहीं गहरी बैठ गई है। शायद इसी कारण आप हर एक से मिलने से कतराते हैं। आप सदैव किसी का साथ खोजते हैं।
टांग पर टांग रख कर सोना : अगर आप टांग पर टांग रख कर सोने के आदी हैं तो निश्चित रूप से आप संतुष्ट, सहनशील और तृप्त हैं। त्याग करना तो कोई आपसे सीखे। ‘नेकी कर कुएं में डाल’ वाली कहावत आप वास्तव में ही चरितार्थ करते हैं।
करवट लेकर सोना : अगर आप करवट लेकर सोते हैं, तब आप अत्यंत समझौतावादी हैं। विपरीत परिस्थितियों से समझौता करना हरेक की हां में हां करना कोई आपसे सीखे। इसके बावजूद आपको अपने निजी मामलों में हस्तक्षेप बिल्कुल सहन नहीं है। साफ-सुथरे रहना, अच्छा भोजन करना आपको प्रिय है। खोज करना आपका शौक है। आपका जीवन आदर्श है, यह कहा जा सकता है क्योंकि आप भविष्य के प्रति सदैव चिंतित रहते हैं।
सोने से पहले टांग हिलाना : सोते समय टांग हिलाना अच्छे लक्षण नहीं बताता। इसका स्पष्ट अर्थ है कि आप बहुत चिंतित हैं। जल्दबाजी और सनकता तो जैसे आप में कूट-कूट कर भरी है। आप अपने से अधिक परिजनों के विषय में सोचते हैं। आपका स्वभाव ‘क्षणे रुष्टा क्षणे तुष्टा है’। इस स्वभाव पर नियंत्रण कर आप उन्नति कर सकते हैं।
पीठ के बल सोना : यदि आप पीठ के बल सोते हैं तो निश्चय ही धैर्यवान व साहसी हैं। आप मुसीबतों का सामना करने में सक्षम हैं।