
पाकिस्तान में जो हाल हिंदू अल्पसंख्यकों का है, वहीं उनके पूजास्थलों का भी है। अक्सर हिंदू मंदिर कट्टरपंथियों की हिंसा का शिकार हो जाते हैं। बुधवार को एक बार फिर कराची के कोरंगी इलाके में श्री मरी माता मंदिर में मूर्तियों पर हमला हुआ। श्री मरी माता मंदिर कोरंगी पुलिस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर ‘जे’ इलाके में स्थित है। मंदिर पर हमले की सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मंदिर का निरीक्षण कर घटना की जानकारी ली।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, घटना के बाद कराची के हिंदू समुदाय में डर और घबराहट का माहौल है, खासकर कोरंगी इलाके में जहां किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। इलाके के निवासी संजीव ने बताया कि मोटरसाइकिल पर छह से आठ लोग इलाके में आए और मंदिर पर हमला कर दिया। मामला दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं जानते कि यह हमला किसने और क्यों किया है।’
मूर्तियों को तोड़ा और लूटपाट की : जानकारी के मुताबिक कोरंगी में भीड़ ने हनुमान मंदिर पर हमला किया था। हमलावरों ने न सिर्फ देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की बल्कि लूटपाट को भी अंजाम दिया। आरोप है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए कोई भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। कोरंगी एसएचओ फारूक संजरानी के अनुसार, ‘पांच से छह अज्ञात संदिग्ध लोग मंदिर में घुसे और तोड़फोड़ करके फरार हो गए।’ उन्होंने कहा कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
अल्पसंख्यकों और उनके मंदिरों की स्थिति दयनीय : पाकिस्तान में पहले भी हिंदू मंदिरों पर भीड़ हमला कर चुकी है। इससे पहले अज्ञात लोगों ने लरकाना में मंदिर में तोड़फोड़ की थी। अक्टूबर में कोटरी में सिंधु नदी के किनारे स्थिति ऐतिहासिक मंदिर पर अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर हमला कर दिया था। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयानों पर भारत को ज्ञान दे रहा है लेकिन उसके अपने मुल्क में हिंदू और सिख जैसे अल्पसंख्यकों और उनके पूजनस्थलों की स्थिति बेहद दयनीय है।
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