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प्लेयर्स के बीच कैसे बंटेगा टेस्ट इंसेंटिव स्कीम का पैसा? समझिए 40 करोड़ रुपये का पूरा गेम


टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने की बात का अनुकरण करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने उन खिलाड़ियों के लिए मौजूदा मैच फीस 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 45 लाख रुपये करने की घोषणा की जो प्रत्येक सत्र में कम से कम सात टेस्ट मैच खेलते हैं। एक टेस्ट खिलाड़ी जो एक सत्र में लगभग 10 टेस्ट मैच में हिस्सा लेता है, उसे 4.50 करोड़ रुपये की मोटी धनराशि मिलेगी। यह राशि ‘रिटेनर फीस’ के इतर होगी जो खिलाड़ी को सालाना केंद्रीय अनुबंध के अंतर्गत मिलती है।
यह प्रोत्साहन पूर्वप्रभावी होगा जिसका असर 2022-23 सत्र के दौरान टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर भी होगा। यह फैसला कुछ खिलाड़ियों जैसे इशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर के बोर्ड के लाल गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता देने के आदेश की अनदेखी के बाद लिया गया। ये खिलाड़ी रणजी ट्राफी क्रिकेट खेलने के बजाय अपनी इंडियन प्रीमियर लीग टीम के लिए ट्रेनिंग में जुटे थे।
इस समय एक भारतीय टेस्ट क्रिकेटर को अंतिम एकादश में चुने जाने के लिए 15 लाख रुपये की राशि मिलती है जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को साढ़े सात लाख रुपये मिलते हैं। शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मुझे सीनियर पुरुष टीम के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ की शुरुआत करने की घोषणा करके खुशी हो रही है क्योंकि यह कदम हमारे खिलाड़ियों को वित्तीय विकास और स्थिरता मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘2022-23 सत्र से ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ टेस्ट मैच के लिए मौजूदा 15 लाख रुपये की मैच फीस के लिए अतिरिक्त पुरस्कार के तौर पर काम करेगी।’
प्लेयर्स के बीच कैसे बंटेगा टेस्ट इंसेंटिव स्कीम का पैसा? – प्रत्येक सत्र में कम से कम नौ टेस्ट मैच हो सकते हैं तो अगर एक खिलाड़ी इनमें से चार टेस्ट खेलता है तो उसे प्रत्येक मैच के लिए 15 लाख रुपये की मौजूदा राशि मिलेगी जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को इसका आधा मिलेगा।
अगर वह कम से कम पांच से छह मैच खेलता है तो शुरुआती 11 में शामिल खिलाड़ी की मैच फीस दोगुनी 30 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी जिसमें रिजर्व खिलाड़ियों को प्रत्येक मैच 15 लाख रुपये मिलेंगे।
जैसे ही एक खिलाड़ी एक सत्र में सात या इससे ज्यादा मैच के लिए शुरुआती एकादश में होता है तो उसे प्रत्येक मैच के लिए 45 लाख रुपये की राशि मिलेगी
रिजर्व खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये मिलेंगे जो अंतिम एकादश में खेलने वाले क्रिकेटर की मौजूदा मैच फीस (15 लाख रुपये) से ज्यादा राशि होगी।
टेस्ट इंसेंटिव स्कीम को इस तरह से समझें – इसे समझने के लिए भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का उदाहरण ले सकते हैं। उन्होंने 2023-24 सीजन के दौरान सभी 10 टेस्ट (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल, 2 बनाम वेस्टइंडीज, 2 बनाम एसए, 5 बनाम इंग्लैंड) में दिखाई दिए। रोहित को सामान्य मैच फीस के रूप में 1.5 करोड़ रुपये (15 लाखx10 रुपये) मिलेंगे और टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए उन्हें 4.5 करोड़ रुपये (45 लाखx10 रुपये) और मिलेंगे। इस हिसाब से अकेले टेस्ट क्रिकेट से उनकी कमाई छह करोड़ रुपये होगी। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के प्रति सीजन 7 करोड़ रुपये हैं तो उनकी कुल कमाई 13 करोड़ रुपये हो जाती है। इसमें स्पष्ट रूप से एक सीजन में वनडे (8 लाख रुपये प्रति गेम) और T20 (4 लाख रुपये प्रति गेम) खेलने के लिए उनकी मैच फीस शामिल नहीं है।
बीसीसीआई ने अपने स्पष्टीकरण में एक सीजन में औसतन 9 टेस्ट का अनुमान लगाया है। यदि किसी ने 50 प्रतिशत से कम खेल (इस मामले में 4 या उससे कम) खेले हैं तो उसे केवल 15 लाख रुपये के हिसाब से मैच फीस (प्लेइंग इलेवन में होने के लिए) और आधी राशि रिजर्व के लिए मिलेगी। हालांकि, जब वह 50 से 75 प्रतिशत मैच (9 में से 5 से 6) खेलता है तो प्रति मैच 30 लाख रुपये मिलेगा। इस तरह जिसने एक सीजन में छह टेस्ट खेले हैं उसे मौजूदा मैच फीस के रूप में 90 लाख रुपये (15×6 रुपये) और 1.8 करोड़ रुपये (30×6 रुपये) मिलेंगे, जिससे उसकी मैच फीस और प्रोत्साहन राशि 2.70 करोड़ रुपये हो जाएगी।