
यहूदियों का बनी मेनाशे कबीला 2700 साल पहले इजरायली क्षेत्र में आबाद हुआ करता था, लेकिन असीरियन हमले के बाद उन्हें अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। इस इलाके को लंबे समय तक इजरायल भी यहूदी मानने से इनकार करता रहा था।
इजरायल की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने पूर्वोत्तर भारत में रहने वाले 5800 यहूदियों को यहां से ले जाने की योजना बनाई है। रविवार को उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, जिसके तहत अगले 5 सालों से इस इलाके से सभी यहूदियों को इजरायल ले जाया जाएगा। इजरायली यहूदी एजेंसी ने इस बारे में जानकारी दी है। भारत के उत्तर पूर्व हिस्से से जिन यहूदियों को ले जाने की योजना बनाई गई है, उन्हें बनी मेनाशे के नाम से जाना जाता है। एजेंसी ने बताया कि इस ऐतिहासिक फैसले से साल 2030 तक बनी मेनाशे समुदाय के लगभग 5800 सदस्य इजरायल आ जाएंगे, जिनमें 2026 में पहले से मंजूर 1200 सदस्य शामिल हैं।
यह पहली बार होगा जब ज्यूइश एजेंसी पूरे प्री-इमिग्रेशन प्रोसेस को लीड करेगी, योग्य अभ्यर्थियों के लिए फ्लाइट की व्यवस्था करेगी और इजरायल में उन्हें बसने में मदद करेगी। इस पूरे प्रोसेस के लिए और दूसरे स्पेशल बेनिफिट्स के खर्च को कवर करने के लिए 9 करोड़ इजरायली शेकेल यानी लगभग 2.7 करोड़ डॉलर की लागत का अनुमान है।
Home / News / पूर्वोत्तर भारत में रहने वाले 5800 यहूदियों को इजरायल कैसे लेकर जाएगी नेतन्याहू सरकार, बन गया प्लान, जानें एक-एक बात
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