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मैंने पाकिस्तान में देश की मर्यादा का ख्याल रखा : राजनाथ

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस्लामाबाद में दक्षेस बैठक के दौरान पाकिस्तान के रवैये को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में बयान दिया। बैठक के बाद भोज में शामिल न होने को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद में भारत की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए वही किया, जो उन्हें करना चाहिए था।

राजनाथ ने बताया कि पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने सबको दोपहर के भोज पर आमंत्रित किया था। लेकिन बैठक के तत्काल बाद वह अपनी गाड़ी में बैठ कर चले गए थे। गृह मंत्री ने कहा कि इसके बाद उन्होंने भी भारत की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए वही किया जो उन्हें करना चाहिए था। राजनाथ दोपहर के भोज में शामिल हुए बिना स्वदेश लौट आए।

गृह मंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान भोजन करने नहीं गए थे। दरअसल, राज्यसभा में कई सदस्यों ने गृह मंत्री के साथ समुचित प्रोटोकाल का पालन नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा, वहां मेरे साथ मर्यादित व्यवहार हुआ या नहीं, इस बारे में कहने में मुझे संकोच होता है। उन्हें जो करना था, वह किया। मुझे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन जहां तक भारत का सवाल है तो मेहमाननवाजी में भारत की एक अलग, खास जगह है और हम उसे बनाए रखेंगे।

भारतीय मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया
दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की पाकिस्तान में संपन्न सातवीं बैठक के दौरान दूरदर्शन एवं पीटीआई सहित भारतीय संवाददाताओं को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। सांसदों के सवालों के जवाब में राजनाथ ने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने जो भाषण दिया, उसे वहां के संवाददाताओं ने कवर किया या नहीं, इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते। लेकिन भारत से गए दूरदर्शन, एएनआई और पीटीआई के संवाददाताओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

विरोध की चिंता होती तो पाक जाता ही नहीं
हाफिज सईद और उसके समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के बारे में राजनाथ ने कहा कि उन्हें इस्लामाबाद से बाद सड़क मार्ग से सेरेना होटल (जहां वह ठहरे थे) जाना होगा। लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों से उन्हें हेलीकाॠप्टर से ले जाया गया। गृह मंत्री ने कहा कि होटल पहुंचने के बाद रास्ते में कुछ समूह विरोध जताते हुए खड़े थे। लेकिन विरोध की चिंता होती तो वह पाकिस्तान जाते ही नहीं।

‘दोस्त बदल जाते हैं, पड़ोसी नहीं’
राज्यसभा में सांसदों द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने पर गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पंक्तियों का उल्लेख किया कि दोस्त बदल जाते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदलता। उन्होंने कहा कि चाहे मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी हों या पूर्व पीएम मनमोहन सिंह हों, सभी ने पड़ोसी देश के साथ रिश्ते बेहतर बनाने के लिए जो कर सकते थे, वह किया। उन्होंने कहा कि बैठक में पाकिस्तान को छोड़कर सभी देशों ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया।

सेना-बीएसफ को जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट
सपा के राम गोपाल यादव के स्पष्टीकरण के जवाब में राजनाथ ने कहा कि सेना और बीएसएफ को स्पष्ट कहा गया है कि वह पूरे संयम से काम लें और अपनी ओर से किसी भी कार्रवाई की पहल न करें लेकिन अगर दूसरी ओर से कोई कोशिश की जाती है तो वह सीधे कार्रवाई करें और इसके लिए उन्हें कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

विपक्ष ने उठाया था अपमान का मामला
विपक्षी संासदों ने पाकिस्तान में गृहमंत्री के कथित अपमान का मामला उठाया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने पाकिस्तान के व्यवहार को निराशाजनक बताया। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस के संासदों ने यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली।