
शादी भव्यता नहीं, समझ और सही साथी चुनने पर टिकती है। आज जल्दबाजी में लोग रिश्ते की नींव कमजोर कर देते हैं, जिससे बाद में संबंध बोझ बन जाता है। गीता के दैवी गुण बताते हैं कि सही जीवनसाथी वो है जिसमें सत्य, धैर्य, करुणा, सरलता और विश्वास हो। इन्हीं गुणों से शादी सुखी और स्थायी बनती है।
शादी को हमारे यहां 7 जन्मों का पवित्र बंधन माना गया है, लेकिन आज के समय में इसका अर्थ काफी बदल गया है। लोग अब जीवनसाथी को समझने और परखने में जितना समय देना चाहिए, उतना नहीं देते। इसके बजाय शादी को भव्य बनाने की तैयारियों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसे में कई रिश्ते समाज की खुशी या दिखावे के लिए तो बन जाते हैं, लेकिन जीवनभर टिक नहीं पाते। अगर आप सही लाइफपार्टनर चुन नहीं पाते, तो रिश्ता बोझ बन जाता है।
गीता में बताए दैवी गुणों के अनुसार वही व्यक्ति जीवनसाथी बनने के योग्य माना गया है, जिसमें सत्य, धैर्य, करुणा, सरलता और विश्वास जैसी विशेषताएँ हों। इन्हीं गुणों से तय होता है कि आपका फैसला सही है या नहीं।
शादी का आधार ही है विश्वास – किसी भी शादी की नींव विश्वास पर टिकी होती है। जब दो लोग एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, तभी रिश्ता लंबे समय तक चलता है। शक या गलतफहमी रिश्ते को अंदर से कमजोर कर देती है। लेकिन विश्वास तब ही बनता है जब दोनों मन से एक-दूसरे को स्वीकार करने और शादी के बंधन में बंधने के लिए तैयार हों।
कैसे व्यक्ति पर करें भरोसा – गीता में श्रीकृष्ण बताते हैं कि जिन लोगों में दैवी गुण होते हैं, जैसे अहिंसा, सच बोलना, करुणा, क्षमा, शांत स्वभाव, विनम्रता, ईमानदारी, क्रोध पर नियंत्रण और दूसरों के प्रति संवेदनशीलता, वही सच में भरोसे के योग्य माने जाते हैं। अगर आप इन गुणों को समझे बिना किसी को जीवनसाथी चुन लेते हैं, तो ये फिर अपने जीवन को अंधेरे कुएं में धकेलने जैसा है, जहां आगे क्या होगा इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
भूल से भी ना करें इस एक बात को नजरअंदाज – संवेदनशीलता वो गुण है जो इंसान को सच में इंसान बनाता है। अगर आपके पार्टनर में ये गुण नहीं है और वो आपकी भावनाओं को समझकर भी आपको चोट पहुंचाता है, तो वो कभी आपका नहीं हो सकता। इसलिए लाइफ पार्टनर चुनते समय यह जरूर देखें कि वो आपकी भावनाओं को समझता और उनका सम्मान करता है या नहीं। अगर जवाब ‘न’ हो, तो चाहे आप 7–8 साल से रिलेशनशिप में ही क्यों न हों, उससे शादी न करें। क्योंकि ऐसे व्यक्ति के साथ पूरी जिंदगी बिताना आपके लिए बहुत कठिन और दुखों से भरी साबित हो सकती है।
अच्छा पार्टनर चुनते हुए इन बातों का भी ध्यान रखें -वैल्यूज मैच होती हों: दोनों की सोच, लाइफस्टाइल, परिवार के प्रति सम्मान और जीवन के लक्ष्य एक-दूसरे से बहुत अलग नहीं होने चाहिए। अलग सोच से आगे चलकर टकराव बढ़ते हैं।
कम्युनिकेशन स्किल अच्छी हो: जो पार्टनर बातों को साफ-साफ कहे, समस्याओं पर खुलकर चर्चा करे और आपकी बात भी सुने, वही रिश्ता संभाल सकता है।
इमोशनल स्टेबिलिटी: बहुत ज्यादा गुस्सा, हर बात पर टूट जाना या हर समय ड्रामा करना, ये संकेत हैं कि व्यक्ति भावनात्मक रूप से मैच्योर नहीं है।
रीस्पेक्ट फॉर बाउंड्रीज : आपकी प्राइवेसी, स्पेस और व्यक्तिगत फैसलों की रिस्पेक्ट करने वाला पार्टनर ही हेल्दी रिश्ता बना पाता है।
Home / Lifestyle / भगवत गीता में दैवी गुणों के अनुसार अगर भर ली दिमाग में ये बात, जीवनसाथी ढूंढने में नहीं होगी थोड़ी सी भी चूक
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