भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को बढ़ावा देने के लिए इंडिया एआई मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के लिए बजट 2025 में 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के बजट से 262% अधिक है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर में भारत पीछे नहीं रहने वाला है। यही वजह है कि सरकार ने IndiaAI मिशन का खाका तैयार कर लिया है। साथ ही सरकार ने इस प्लान को जमीन पर उतारने के लिए 2000 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने बजट 2025 में ऐलान किया है कि सरकार इंडियाएआई मिशन के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट देगी। इसकी मदद से भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर में ग्लोबल लीडर बनने में मदद मिलेगी।
इंडिया एआई मिशन बजट में 262 फीसद की ग्रोथ – वित्त मंत्री ने बजट इंडिया एआई मिशन के बजट में करीब 262 फीसद का इजाफा किया है। पिछले साल यह बजट 551.75 करोड़ रुपये था, जिसे इस बार बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे पहले अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में ऐलान किया था कि इंडिया का पहला फाउंडेशन एआई मॉडल अगले 10 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। यह अन्य एआई मॉडल जैसे ओपन एआई के चैटजीपीटी और डीपसीक V3 मॉडल जैसा होगा। इंडिया एआई मॉडल का मकसद भारत में इकोनॉमिक ग्रोथ को रफ्तार देना है। साथ ही नागरिकों की क्वॉलिटी लाइफ को इंप्रूव करना है। बता दें कि यूएस और चीन के बीच एआई चैटबॉट बनाने की रेस लगी है। जहां अमेरिका बिलियन डॉलर खर्च करके एआई मॉडल बना रहा है। वही चीन ने सस्ते में एआई मॉडल चैटजीपीटी बना डाला है। वही इस रेस में भारत भी शामिल हो गया है।
क्या है इंडिया एआई मिशन का मकसद – इंडियाएआई मिशन एआई-संचालित समाधानों को लागू करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करता है जो गंभीर चुनौतियों का समाधान करते हैं और दक्षता में सुधार करते हैं। मिशन डेटा प्रशासन, नैतिक विचारों और नियामक उपायों सहित एआई नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए एक व्यापक नीति ढांचे की वकालत करता है।