
केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में जीवनदान मिल गया है। यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई निमिषा प्रिया की फांसी रद्द कर दी गई है। हालांंकि, अभी भारतीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
यमन की राजधानी सना में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को हूती विद्रोहियों ने रद्द कर दिया है। केरल के एक प्रमुख सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने यह दावा किया है। भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक और अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसे मौत की सजा दी गई थी। उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी तय हुई थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों के प्रयास के बाद उसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम के कार्यालय ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यमन के एक प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज द्वारा नियुक्त यमनी विद्वानों की टीम ने अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के साथ समझौते पर मध्यस्थता की, जिसके बाद निमिषा प्रिया की फांसी को रद्द करने का फैसला किया गया। अभी तक इस मामले को देख रहे भारतीय अधिकारियों ने फांसी रद्द किए जाने की पुष्टि नहीं की है।
धार्मिक विद्वानों के हस्तक्षेप से मिली माफी – ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम के दावे की पुष्टि यमन में तलाल महदी के न्याय के लिए कार्य परिषद के प्रवक्ता और यमनी कार्यकर्ता सरहान शमसन अल विस्वाबी ने एक फेसबुक पोस्ट में की है। विस्वाबी ने सोमवार को अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि धार्मिक विद्वानों के सशक्त हस्तक्षेप के कारण निमिषा प्रिया की मौत की सजा माफ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब निमिषा प्रिया को या जेल से रिहाई मिलेगी या आजीवन कारावास।
फांसी से माफी के बाद आगे क्या? – मौत की सजा रद्द होने के बाद अब निमिषा प्रिया के लिए दो संभावनाएं बनती हैं- या तो उन्हें आजीवन कारावास या फिर ब्लड मनी के बदले जेल से रिहाई। द हिंदू ने आधिकारिक सूत्रों ने अभी तक इस दावे की पुष्टि करने से इनकार किया है और कहा है कि मामला जटिल है क्योंकि पीड़ित परिवार निमिषा प्रिया को माफ करने पर आम सहमति नहीं बना पाया है
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