
हायर अधिनियम कानून भारतीय आईटी, बीपीओ और परामर्श क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह इसलिए भी प्रभावित होगा क्योंकि अमेरिकी आउटसोर्सिंग अनुबंधों पर निर्भर हैं।
अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कुछ हफ्ते पहले एक अहम फैसले में H-1B वीजा की फीस कई गुना बढ़ाई है। इससे खासतौर से अमेरिका में काम करने के इच्छुक भारतीयों के सामने मुश्किल खड़ी हुई है। भारतीय अभी वीजा फीस को लेकर बढ़ी मुश्किल से पार भी नहीं पा सके हैं कि अमेरिका ने नई बाधा खड़ी करने की तैयारी कर ली है। इस नई मुश्किल का नाम प्रस्तावित हायर अधिनियम (HIRE Act) है। इसमें विदेशी कर्मचारियों को आउटसोर्स करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसने कानून का रूप लिया तो यह भारतीयों के लिए H-1B वीजा फीस की वृद्धि से ज्यादा परेशानी खड़ी करेगा।
प्रस्तावित हॉल्टिंग इंटरनेशनल रिलोकेशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट (HIRE) अधिनियम 2025 अमेरिका में प्रदान की गई सेवाओं के लिए विदेशी कर्मचारियों को भुगतान करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर 25 प्रतिशत टैक्स कर लगाकर भारतीय प्रतिभाओं की आवश्यकता को काफी कम कर सकता है। अमेरिका की आउटसोर्सिंग को लक्षित करने के कारण HIRE अधिनियम भारतीयों की चिंता बढ़ा रहा है।
एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं – DeKoder के साथ एक बातचीत में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ को वस्तुओं से बढ़ाकर सेवाओं तक लाने पर चिंता जताई है। राजन ने कहा कि हम देख रहे हैं कि टैरिफ अब सर्विस की ओर बढ़ रहा है। यह एक गंभीर खतरा है। नया HIRE अधिनियम आउटसोर्स किए गए काम पर सीधे कर लगा सकता है।
Home / News / ट्रंप राज में भारतीयों के सामने H1-B वीजा फीस से बड़ा खतरा मंडराया… HIRE एक्ट से बढ़ा डर, बंद होंगे अमेरिका के रास्ते?
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