
मोसुल। इराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल की जंग में सेना के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अस्पताल और अन्य चिकित्सा सुविधाओं पर कब्जा कर लिया है। शहर में आइएस के आतंकियों का दायरा सिमटता जा रहा है। अनुमान है कि चंद रोज की लड़ाई में मोसुल आजाद हो जाएगा।
इराक के बड़े इलाके पर कब्जे के बाद आइएस ने मोसुल को 2014 में अपनी राजधानी बनाया था। लेकिन करीब नौ महीने की लड़ाई के बाद उसका यह गढ़ हाथ से निकलने के कगार पर है।
पुराने शहर में स्थित इब्न सिना टीचिंग हॉस्पीटल और उससे जुड़ी चिकित्सा सुविधाएं शनिवार को उसके हाथ से निकल गईं। इससे पहले गुरुवार को अल-नूरी मस्जिद इलाके पर भी इराकी सेना का कब्जा हो गया।
यह वही स्थान है जहां पर सेना का दबाव बढ़ने पर आतंकियों ने मस्जिद को उड़ा दिया था। इसी मस्जिद से आइएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी ने खुद के खलीफा होने का एलान किया था।
यहीं से बोलते हुए उसकी इकलौती तस्वीर सार्वजनिक हुई थी। इराक की फेडरल पुलिस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हाएद शाकिर जवादात के अनुसार मोसुल पर आइएस की अब मामूली पकड़ बची है, जल्द ही उसे भी खत्म कर दिया जाएगा।