
प्रेग्नेंसी तके दौरान महिलाओं के अपने खान-पान का खास ख्याल रखना पड़ता है। डॉक्टर इस दौरान हेल्दी डाइट लेने के साथ ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। वहीं महिलाओं को प्रेग्नेंसी में चाय कॉफी से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है क्योंकि उसमें मौजूद कैफीन की वजह से यूरिनेशन और डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में महिलाएं चाय-कॉफी की बजाए ग्रीन टी का सेवन शुरू कर देती है लेकिन बता दें कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इसका सेवन भी हानिकारक हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में क्यों कम पीनी चाहिए ग्रीन टी?
ग्रीन टी में 17 मिली ग्राम कैफीन होता है, जिसके कारण प्रेग्नेंसी के दौरान कम ग्रीन-टी पीनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान 200mg के आसपास कैफीन का सेवन किया जा सकता है। इससे अधिक कैफिन का सेवन हानिकारक होता है।
दिन में कितनी बार पीएं ग्रीन टी?
प्रेग्नेंसी के दौरान दिन में केवल 1 कप ग्रीन टी का ही सेवन करें। इससे ज्यादा ग्रीन टा का सेवन भ्रूण के साथ-साथ लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है। साथ ही बहुत अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीने से सिर दर्द, पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, डायरिया और घबराहट की शिकायत हो सकती है।
खाने के साथ न लें ग्रीन टी
ग्रीन टी को खाने के साथ नहीं पीना चाहिए। दरअसल ग्रीन टी में कैटेकिन (Catechin) मौजूद होता है। यह तत्व शरीर में आयरन के अवशोषित होने में दिक्कत पैदा करता है, जिससे शरीर में आयरन की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर ग्रीन टी पीनी भी है तो 2 मील के बीच में पिएं और खाने में विटमिन सी और आयरन की मात्रा बढ़ा दें।
प्रेग्नेंसी में ग्रीन टी पीने के नुकसान
शिश के लिए खतरनाक
अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीने से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है। साथ ही इससे बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
लिवर और किडनी
इसके सेवन से किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में बेहतर होगा कि ग्रीन टी का सेवन गर्भवती महिलाओं ना करें।
भूख पर भी पड़ता है असर
ग्रीन टी पीने से भूख लगनी बंद हो जाती है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं, पोषक तत्वों की कमी के चलते बच्चा कुपोषित भी हो सकता है।
प्रीमेच्योर
इस दौरान 2-3 ग्रीन टी का सेवन करने से बच्चा प्रीमेच्योर पैदा हो सकता है। इसकी बजाए आप फलों व सब्जियों के जूस को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
आयरन की कमी
ग्रीन टी आयरन को अवशोषित करती है, जिसके कारण गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी हो सकती हैं। साथ ही जो महिलाएं पहले ही एनीमिया की शिकार हैं उन्हें और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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