
कुडनकुलम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने आज 1,000 मेगावाट की क्षमता वाले कुडनकुलम परमाणु बिजली संयत्र-1 को संयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित किया तथा भरोसा दिलाया कि यह दुनिया के सबसे अधिक सुरक्षित परमाणु संयंत्रों में से एक है। इस मौके पर नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मोदी ने कहा कि भारत-रूस परियोजना कुडनकुलम-1 भारत में स्वच्छ उर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने रूस के साथ हमारी मित्रता को हमेशा बहुत महत्व दिया और यह बिल्कुल उपयुक्त है कि हम कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की यूनिट-1 को संयुक्त रूप से समर्पित कर रहे हैं। यह हरित विकास के लिए साझेदारी का मार्ग बनाने की हमारी साझी प्रतिबद्धता का भी संकेत है।’ इस मौके पर इन तीनों नेताओं ने भारत और रूस के रिश्तों को अहम बताते हुए उसे और मजबूत करने की बात कही।
पुतिन ने मॉस्को से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कहा कि यह सभी के लिए बड़ा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, ‘यह बिजली संयत्र आधुनिक रूसी प्रौद्योगिकी से उन्नत है। यह सिर्फ बिजली संयंत्र का निर्माण और आरंभ नहीं है। यह सर्वविदित है कि रूस परमाणु प्रौद्योगिकी के मामले में विश्व में अगुवा देशों में से एक है और हम अपनी प्रौद्योगिकी को अपने भारतीय साथियों के साथ साझा करके खुश हैं।’ इस कार्यक्रम में चेन्नई से जुड़ीं जयललिता ने कहा कि यह संयंत्र रूस और भारत के बीच लंबी और गहरी मित्रता का प्रतीक है। कुडनकुलम परियोजना तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले में स्थित है।
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