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‘एक देश की तरह बर्ताव करना सीखें, हमसे पैसा लेकर अमीरों को पहुंचाते हैं फायदा’, कंगाल पाकिस्तान को IMF की दो टूक


आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से लोन नहीं मिल पा रहा है. पिछले महीने IMF का प्रतिनिधिमंडल 10 दिन पाकिस्तान (Pakistan) में रहकर गया था, लेकिन शहबाज हुकूमत के लिए बात नहीं बन पाई. IMF ने अब उल्टे पाकिस्तान को नसीहत दे डाली है. IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जियोर्जिवा (IMF MD Kristalina Georgieva) ने कहा कि वे एक मुल्क की तरह बर्ताव करना सीखें, ऐसे नहीं चलेगा कि पैसा हमसे लेकर अमीरों को फायदा पहुंचाए.
आर्थिक बदहाली से जूझते पाक को मिली नसीहत – पाकिस्तान की निगाहें इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से कर्ज की नई किस्त मिलने पर हैं. हालांकि, महीनों के इंतजार के बावजूद ये कोशिशें सफल नहीं हो पा रहीं. पाकिस्तान में महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर चला गया है. पाकिस्तान रुपया भी दम तोड़ता जा रहा है, जो यूएस डॉलर की तुलना में काफी बेदम हो गया है. सबसे बड़ी बात, इस मुल्क पर करीब 100 अरब डॉलर का कर्ज भी है. ऐसे में पाकिस्तानी हुकूमत इसके लिए पूरा जोर लगा रही है कि इन हालातों को संभालने के लिए उसे कैसे भी आर्थिक पैकेज मिले. इसके लिए IMF को मनाने की खूब कोशिशें की जा रही हैं. इस बीच IMF से उसे फिर झटका लगा है.
‘वहां कर्ज के सहारे ही चल रहा सिस्टम’ – ‘ग्रीक सिटी टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को नसीहत देते हुए IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जियोर्जिवा ने कहा है कि पाकिस्तान एक ऐसी खतरनाक जगह बनती जा रही है जहां कर्ज के सहारे ही सिस्टम चल रहा है. जियोर्जिवा ने कहा, “सवाल ये है कि IMF आपको लोन देता है, लेकिन आप इसका इस्तेमाल गरीबों की भलाई के बजाए इस तरीके से करते हैं कि इसका फायदा मुल्क के अमीरों को होता है. वहां पैसा हमसे लिया जाए और फायदा अमीरों को हो, ऐसे नहीं चल सकता.”
पाकिस्तान को 5 अरब डॉलर की जरूरत – उधर, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार ने कहा है कि उन्हें जून में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में अपने फाइनेंशियल गैप को खत्म करने के लिए 5 अरब डॉलर की विदेशी फंडिंग की जरूरत है. IMF के साथ डील साइन होने के बाद ही उसे और फंडिंग मिल पाएगी. इशहाक डार के बयान में मुल्क को ये भरोसा दिलाने की कोशिश की जा रही है कि IMF के साथ डील अगले हफ्ते तक साइन हो जाएगी. हालांकि, हुकूमत IMF की शर्तों पर खरा नहीं उतरी है. कर्ज की किस्त पाने के लिए उसे कई बातें माननी पड़ेंगी.