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काली शक्तियों के लिए तेंदुओं का हो रहा कत्लेआम, इस देश में अब बचे हैं महज 350


धार्मिक मान्यताओं के चलते वाइल्डलाइफ को एक बार फिर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी अफ्रीका के तेंदुओं की घटती संख्या है इकोसिस्ट के गिरने का संकेत, जानिए पूरी खबर में।
हम समझते हैं कि जंगल की दुनिया हमारे लिए खतरा है लेकिन आंकड़े उठाकर देखें तो कुछ और ही नजर आता है। इंसान ही प्रकृति को बिगाड़ता है, फिर उसी प्रकृति से पूछता है कि प्रलय क्यों आई? इंसानों की वजह से एक और जानवर खतरे में है। एक ऐसा जानवर, जिसके शरीर के धब्बे, धब्बे नहीं लगते बल्कि किसी कलाकार की कला लगते हैं। वो पलक झपकते ही आपकी आंखों से ओझल हो सकता है…तेंदुआ।
वेस्ट अफ्रीका में तेंदुओं का कत्लेआम हो रहा है। वजह-अंधविश्वास। जादू-टोने के लिए तेंदुओं के अंगों का इस्तेमाल ताबीज बनाने के लिए किया जा रहा है। शिकार इतना ज्यादा हो रहा है कि अब आधिकारिक तौर पर यहां तेंदुओं की आबादी को खतरे वाली श्रेणी में डाल दिया गया है। पूरे देश में इनकी संख्या घटकर महज 350 ही रह गई है। अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण संस्था (आईयूसीएन) के आकलन के अनुसार यह पता चल रहा है कि पश्चिमी अफ्रीकी तेंदुए की संख्या बेहद घटी है। यह संख्या घटकर केवल 350 रह गई है।
काली शक्तियों के लिए मारे जा रहे – तेंदुओं को मारने के लिए यहां बहुत ही अजीबोगरीब वजहें सामने आ रही हैं। यहां लोग इसलिए तेंदुओं का शिकार कर रहे हैं क्योंकि इंसान जिन जानवरों का शिकार मांस के लिए करते हैं। तेंदुओं का खाना भी वही जानवर हैं। ऐसे में कंपीटिशन खत्म करने के लिए वो तेंदुओं को ही मार डाल रहे हैं। इसके अलावा ताबीज यानी ‘ग्रिग्री’ बनाने के लिए भी इनके अंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
आबादी 50 प्रतिशत तक घटी – अफ्रीका में तो तेंदुओं की आबादी पर कोई दिक्कत नहीं हो रही। लेकिन पश्चिमी अफ्रीका में पूरी तस्वीर ही बदल जाती है। ये तेंदुए 11 देशों में पाए जाते हैं। बेनिन, बुर्किना फासो, कोट दी आइवर, घाना, गिनी, गिनी-बिसाऊ, लाइबेरिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल और सिएरा लियोन। पहले के समय पश्चिम अफ्रीका में तेंदुए बड़ी संख्या में मिलते थे। लेकिन पिछले 20 सालों में उनकी आबादी 50 प्रतिशत तक घटी है। यही कारण है कि उन्हें आईयूसीएन की रेड लिस्ट में रखा गया है।
संकटग्रस्त प्रजाति – यहां तेंदुए अब संकटग्रस्त प्रजाति में से एक हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिम अफ्रीकी में तेंदुओं की स्थिति बेहद गंभीर है। इन्हें बचाने के लिए फंड की कमी है। उस पर अंधाधुंध शिकार ने स्थिति को और खराब कर दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक क्षेत्रीय रणनीत बनानी होगी, जिसमें सभी देश मिलकर काम करें। पार्क की निगरानी और संरक्षण को मजबूत कर के सफलता मिल सकती है। आस पास के लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वह शिकार न करें। आखिर में, “ग्रिग्री” का कोई विकल्प ढूंढना चाहिए, जिससे धार्मिक मान्यताओं के कारण यह जानवर बलि न चढ़े।