
वॉशिंगटन। धरती की ही तरह मंगल ग्रह पर भी एक नियाग्रा फाल्स है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल के इस फाल्स की तस्वीरें जारी की हैं। इस पर बहाव के निशान दिख रहे हैं, जिनके बारे में बताया जा रहा है कि वे पिघले हुए लावे से बने हैं। यह जलप्रपात अमेरिका के नियाग्रा फॉल्स की तुलना में काफी शानदार है।
नासा ने झरने की 3डी तस्वीरें भेजी हैं, जो साल 2005 में मंगल ग्रह पर भेजे गए यान एमआरओ ने ली थीं। यह यान काफी समय से मंगल की तस्वीरें भेज रहा है। नासा ने कहा कि मंगल पर पानी की तलाश में काफी समय खर्च किया गया है। अगर यहां पानी मिलता है, तो यह जीवन की मौजूदगी का संकेत होगा।
नासा ने कहा कि इन तस्वीरों को देखकर कहा जा सकता है कि आज की स्थितियों के मुकाबले किसी समय में मंगल ज्यादा जीवंत रहा होगा। मंगल की सतह पर फैला पिघला हुआ लावा इसी बात का संकेत करता है। ये तस्वीरें उसी लावा प्रवाह का नतीजा दिखाती हैं।
यह किसी गड्ढे का उत्तरी किनारा है, जिसका व्यास 30 किलोमीटर है। तस्वीरों के आधार पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि लावा इसी गड्ढे में बहकर गया था। मगर, उसकी मात्रा इतनी नहीं रही होगी कि गड्ढा पूरी तरह से भर जाता।
नासा ने बताया कि करीब से ली गई तस्वीरें दिखाती हैं कि लावा एक छेद की मदद से इस गड्ढे की दीवार को भेद पाया। इसके कारण ही लावा दीवार के साथ-साथ बहने लगा और उसके निशान बन गए।
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