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हर एक की बात को ध्यान से… पाकिस्तान की पोल खोलकर लौटे डेलिगेशन से मिले PM मोदी, देखें तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने निवास पर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की। ये सभी “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत कई देशों में गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने निवास पर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की। ये सभी “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत कई देशों में गए थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को अलग-अलग देशों में हुई अपनी बैठकों के बारे में जानकारी दी। इन प्रतिनिधिमंडलों में अलग-अलग पार्टियों के सांसद, पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल थे। उन्होंने अलग-अलग देशों की यात्राओं के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और विश्व शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के बारे में बताया।
विभिन्न दलों के सांसदों के सात समूहों ने कई देशों की राजधानियों का दौरा किया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” (zero tolerance) की नीति को बढ़ावा दिया। इन समूहों में NCP-SCP की सुप्रिया सुले, कांग्रेस पार्टी के शशि थरूर, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पूर्व राजदूत जैसे विपक्षी सांसद भी शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद शुरू किया गया था। “ऑपरेशन सिंदूर”, जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया थी। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी।
50 से अधिक लोगों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत के राजनयिक प्रयासों के तहत 30 से अधिक देशों का दौरा किया। इन लोगों में संसद के सदस्य, पूर्व राजदूत और पूर्व सरकारी अधिकारी शामिल थे। सात सांसदों ने अपने-अपने समूहों का नेतृत्व किया।
ग्रुप 1 का नेतृत्व BJP के बैजयंत पांडा ने किया। यह समूह सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया गया था। ग्रुप 2 का नेतृत्व BJP नेता रविशंकर प्रसाद ने किया। उन्होंने यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ (EU), इटली और डेनमार्क का दौरा किया। JD(U) नेता संजय कुमार झा ने ग्रुप 3 का नेतृत्व किया। यह समूह इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया गणराज्य, जापान और सिंगापुर गया।
ग्रुप 4 का नेतृत्व शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने किया। उन्होंने यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन का दौरा किया। ग्रुप 5 का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के शशि थरूर ने किया। उन्होंने अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा किया। ग्रुप 6 का नेतृत्व DMK की कनिमोझी करुणानिधि ने किया। वह स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस गईं। ग्रुप 7 का नेतृत्व NCP-SCP की सुप्रिया सुले ने किया। उन्होंने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया।
प्रतिनिधिमंडलों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को रखा। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और भारत के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की “ग्रे लिस्ट” (grey list) में डालने की मांग की। “ऑपरेशन सिंदूर” 7 मई को पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
इन सभी प्रतिनिधिमंडलों ने मिलकर दुनिया को भारत की बात समझाई। उन्होंने बताया कि भारत आतंकवाद को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान की गलत हरकतों को भी दुनिया के सामने रखा। इससे भारत की छवि और मजबूत हुई है।
सभी देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की – बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सभी देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सभी देश भारत के साथ खड़े हैं। रविशंकर प्रसाद ने बातचीत के दौरान कहा, “सभी देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।” इसका मतलब है कि हर देश ने इस हमले को गलत बताया और भारत को अपना समर्थन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी देशों से अच्छे नतीजे मिले हैं। आने वाले समय में यूरोप और भारत के बीच नए रिश्ते शुरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “सभी देशों से सकारात्मक परिणाम मिले हैं, आने वाले समय में यूरोप और भारत के बीच नए संबंधों की शुरुआत होने वाली है।”
जयशंकर ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की तारीफ की – विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा। पीएम मोदी भी आज शाम इन सभी सदस्यों से मिलकर उन्हें धन्यवाद देंगे। यह मीटिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पता चलेगा कि भारत ने दुनिया को अपनी बात समझाने में कितनी सफलता पाई है।
इस प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के शामिल होने से पता चलता है कि देश के मुद्दे पर सभी पार्टियां एक साथ हैं। शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं का साथ आना भी महत्वपूर्ण है। इससे भारत को दुनिया के सामने अपना पक्ष रखने का मौका मिला। अब देखना यह है कि इस मिशन के क्या नतीजे निकलते हैं और भारत को इससे क्या फायदा होता है।