
महाभारत और रामायण में वर्णित प्राचीन चिकित्सा और सर्जरी के चमत्कारी किस्से अब वास्तविकता में बदलते दिख रहे हैं। चीन ने हाल ही में चिकित्सा जगत में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो विज्ञान की नई ऊंचाइयों को छूता है। हमने महाभारत और रामायण में अक्सर सुना है कि उस युग में उन्नत चिकित्सा पद्धतियां थीं। अर्जुन की मृत्यु के बाद उन्हें प्लास्टिक सर्जरी के जरिए पुनर्जीवित किया गया, लक्ष्मण का इलाज रावण के वैद्य सुषेण ने किया, और भगवान गणेश का सिर पुनः लगाया गया। ये कहानियां प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति की उन्नति का प्रमाण हैं। चीन ने हाल ही में सैटेलाइट और रोबोट का उपयोग करते हुए 1.5 लाख किलोमीटर दूर से अल्ट्रा-रिमोट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने एपस्टार-6डी ब्रॉडबैंड सैटेलाइट की मदद से तिब्बत, युन्नान और हैनान में पांच मरीजों की सर्जरी की। इन ऑपरेशनों में लीवर, गॉलब्लैडर और अग्न्याशय के रोगों का इलाज किया गया। चीन की स्वदेशी सर्जिकल रोबोट प्रणाली की सहायता से इन सभी ऑपरेशनों को अंजाम दिया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गए और अगले ही दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सर्जरी के दौरान डेटा ट्रांसफर ने 1,50,000 किलोमीटर की दूरी तय की, जो चिकित्सा इतिहास में पहली बार हुआ। चीन का यह सैटेलाइट शल्य चिकित्सा प्रणाली पर्वतीय और जलडमरूमध्य क्षेत्रों में जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने में सक्षम है। यह तकनीक युद्ध क्षेत्र और दूरस्थ इलाकों में घायल सैनिकों और नागरिकों के इलाज में क्रांति ला सकती है।
एपस्टार-6डी, जो 2020 में लॉन्च हुआ था, 15 वर्षों की आयु के साथ प्रति सेकंड 50 जीबी डेटा ट्रांसफर कर सकता है। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र, समुद्री रास्तों और पृथ्वी के एक-तिहाई हिस्से को कवर करता है। इस उपग्रह की मदद से चिकित्सा सेवाओं को 24/7 वैश्विक कवरेज देने की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है। चीन की यह सफलता न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी में भी एक बड़ा ब्रेकथ्रू है। यह तकनीक भविष्य में खतरनाक चोटों और जटिल ऑपरेशनों का इलाज आसान बना सकती है। चीन ने महाभारत युग की उन्नत चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान के मेल से एक नई संभावनाओं की दुनिया खोली है। यह उपलब्धि आने वाले समय में चिकित्सा सेवाओं की दिशा बदल सकती है।
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