Friday , July 25 2025 2:37 PM
Home / News / G-20 में हिस्सा लेने पहुंचे मोदी, इन्कार के बावजूद हो सकती है जिनपिंग से मुलाकात

G-20 में हिस्सा लेने पहुंचे मोदी, इन्कार के बावजूद हो सकती है जिनपिंग से मुलाकात


बर्लिन। भारत और चीन के बीच डोकालाम में विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हैम्बर्ग पहुंच चुके हैं। इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। हालांकि दोनों की मुलाकात को लेकर चीन के बयान के बाद भारत ने भी इससे इन्कार किया है लेकिन कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात अब भी संभव है।

सूत्रों का कहना है कि मोदी और चिनपिंग के बीच गैर आधिकारिक तौर पर मुलाकात की संभावना से अब भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे पहला कारण यह बताया जा रहा है कि समूह-20 देशों के प्रमुखों की बैठक की रूपरेखा बहुत अनौपचारिक होती है। दिनभर चलने वाली बैठकों में विभिन्न देशों के नेता एक-दूसरे से कई बार टकराते हैं। कई बार उनके बीच तय नहीं होने के बावजूद लंबी बातचीत हो जाती है।

साथ ही यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि मोदी और चिनपिंग एक बंद कमरे में रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ ब्रिक्स की बैठक करेंगे। इसमें भी द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी और चिनपिंग मौजूदा तनाव को दूर करने के लिए कूटनीतिक दायरे से बाहर निकलने का माद्दा दिखाते हैं या नहीं।

बता दें कि चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देशों के प्रमुखों के बीच मुलाकात के लिए यह सही माहौल नहीं है। भारत जल्द-से-जल्द अपनी सेना चीन की सीमा से वापस बुला कर शांति स्थापित करने में मदद करे। आधिकारिक तौर पर भारत ने चीन के बयान को खास तवज्जो नहीं दिया है। भारत ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात पहले से तय नहीं थी ऐसे में माहौल ठीक ना होने की बात बेमानी है।

बर्लिन। भारत और चीन के बीच डोकालाम में विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हैम्बर्ग पहुंच चुके हैं। इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। हालांकि दोनों की मुलाकात को लेकर चीन के बयान के बाद भारत ने भी इससे इन्कार किया है लेकिन कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात अब भी संभव है। सूत्रों का कहना है कि मोदी और चिनपिंग के बीच गैर आधिकारिक तौर पर मुलाकात की संभावना से अब भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे पहला कारण यह बताया जा रहा है कि समूह-20 देशों के प्रमुखों की बैठक की रूपरेखा बहुत अनौपचारिक होती है। दिनभर चलने वाली बैठकों में विभिन्न देशों के नेता एक-दूसरे से कई बार टकराते हैं। कई बार उनके बीच तय नहीं होने के बावजूद लंबी बातचीत हो जाती है। साथ ही यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि मोदी और चिनपिंग एक बंद कमरे में रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ ब्रिक्स की बैठक करेंगे। इसमें भी द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी और चिनपिंग मौजूदा तनाव को दूर करने के लिए कूटनीतिक दायरे से बाहर निकलने का माद्दा दिखाते हैं या नहीं। बता दें कि चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देशों के प्रमुखों के बीच मुलाकात के लिए यह सही माहौल नहीं है। भारत जल्द-से-जल्द अपनी सेना चीन की सीमा से वापस बुला कर शांति स्थापित करने में मदद करे। आधिकारिक तौर पर भारत ने चीन के बयान को खास तवज्जो नहीं दिया है। भारत ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात पहले से तय नहीं थी ऐसे में माहौल ठीक ना होने की बात बेमानी है।