Wednesday , March 29 2023 4:17 AM
Home / Spirituality / ‘प्रकृति’ शिव की प्रसन्नता का आधार

‘प्रकृति’ शिव की प्रसन्नता का आधार

ashish mamgi

सावन माह पर विशेष
20 जुलाई से 18 अगस्त तक शिवजी का प्रिय मास सावन (श्रावण) मास रहेगा! इस अवसर पर शिव जी की प्रसन्नता का आधार बता रहे हैं सर्वसिद्धी एस्ट्रोलॉजी, भारत के अध्यक्ष एवं फलित ज्योतिष आचार्य आशीष ममगाई
शिव के प्रतीक के रूप में हम शिवलिंग का पूजन करते हैं! शिवलिंग दरअसल शिव और शक्ति का प्रतीक है! शक्ति कोई और नहीं, बल्कि स्वयं प्रकृति मॉं है! जो कि प्रति-पल प्राणिमात्र का कल्याण कर रही है! प्रकृति से प्राप्त प्राणवायु आक्सीजन, जल एवं अन्न से ही तो हमें शक्ति प्राप्त होती है! प्रकृति से जुडे होने के कारण ही शिव कल्याणकारी देवता कहलाए! इसलिए हमें चाहिए कि हम भी प्रकृति से जुडेें, उसका यभासंभव सम्मान, संरक्षण एवं सर्वद्धन करें, क्योंकि इसी में हमारे साथ-साथ भावी पीढी का कल्याण निहित है!
यदि हम प्रकृति को मना लेंगे, तो शिव स्वतः ही मान जाएंगे, प्रसन्न हो जाएंगे! क्योंकि प्रकृति ही शिव है! इसे यूं भी समझा जा सकता है कि शिव का मूल हुआ प्रकृति और प्रकृति का मूल हुए शिव! अर्थात कल्याण! यहां कल्याण से तात्पर्य जीवन से है! एवं जीवन प्रकृति की प्रसन्नता के बिना संभव नहीं! शक्ति (प्रकृति) के बिना शिव ही नहीं आप-हम भी शव है!

Hindu-God-Shiva-1
प्रकृति को मनाने का बहुत संुदर अवसर सावन माह हमारे सामने है! आइये इन दिनों में प्रकृति को मनाएं! भरपूर पेड लगाएं! क्योंकि सावन माह में आकाश से जो अमृत बरसता है उससे पेड के पनपने की संभावना सर्वाधिक होती है! इसके अलावा बरसात का पानी जो व्यर्थ ही बह जाता है उसे यथासंभव जमीन के अंदर पहुंचाने का हमें प्रयास करना चाहिए! ज्योतिषीय दृष्टि से भी देखें तो उपरोक्त उपाय नवग्रहों की भी प्रसन्न्ता का कारण बनते हैं!

About indianz xpress

Pin It on Pinterest

Share This