
चीन में मानवाधिकारों के मुद्दे पर न्यूजीलैंड अब अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया आदि देशों के साथ आता दिखाई दे रहा है। उइगर मुस्लिमों को लेकर चीन के बारे में न्यूजीलैंड के तेवर भी अब बदल रहे हैं। ऑकलैंड में चाइना बिजनेस मीट में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा ने कहा कि उन्होंने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगरों के मानवाधिकारों के हनन पर गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है। उनकी चिंता हांगकांग में रहने वाले लोगों के लिए भी है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में तमाम ऐसे मामले हैं जिनको वैश्विक स्तर पर सुलझाने में मुश्किल हो रही है।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने शिनजियांग में मानवाधिकारों को लेकर चीन पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि चीन की विश्व में बढ़ती उपस्थिति के बीच उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड के कारण मतभेदों को सुलझाना मुश्किल हो रहा है। प्रधानमंत्री जेसिंडा की अक्सर अन्य नेताओं की तुलना में भाषा और संदेश अक्सर सीधे तौर पर नहीं होते हैं। वे अब तक चीन की आलोचना करने से बचती रही हैं। जेसिंडा का ताजा बयान उनकी चीन को लेकर बदलते तेवर का संकेत देता है।
दरअसल शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को यातना दिए जाने की सच्चाई निया में सामने आने के बाद अब चीन झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है। उसने उइगरों पर एक डॉक्यूमेंटरी बनाकर यह फैलाने की कोशिश शुरू कर दी है कि शिनजियांग में सब कुछ ठीक है। उइगर वहां खुशहाल हैं। चीन की इस वीडियो पर उइगर कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यह झूठी वीडियो हैं। अपने ऊपर लगे कलंक को चीन ऐसी वीडियो से मिटा नहीं पाएगा। उइगर के अधिकारों के लिए लड़ने वाले फरंगिस नजीबुल्लाह ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उइगरों के मामले में भटकाने का प्रयास कर रहा है।
चीन ने शिनजियांग पर एक डॉक्यूमेंटरी ‘द माउंटेंस- लाइफ ऑफ शिनजियांग’ बनाई है। इसमें शिनजियांग के उइगरों के साक्षात्कार लिए हैं, जो कह रहे हैं कि वे यहां बहुत खुश हैं। इस डॉक्यूमेंटरी को कई भाषाओं में बनाने से चीन का मकसद साफ दिखाई दे रहा है कि वह वास्तविकता से अलग झूठा प्रचार कर अपनी छवि को साफ करने की कोशिश कर रहा है।
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