
पटना: भाजपा के समर्थन के बाद बिहार की सत्ता में एक बार नीतीश कुमार की वापसी हो रही है। नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बिहार की सियासत में भूकम्प ला दिया। जद (यू) विधायक दल की बैठक के बाद नीतीश ने राजभवन जाकर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना त्याग पत्र सौंपा, जिसे उन्होंने देर रात स्वीकार कर लिया। वहीं नीतीश कुमार के इस्तीफे के 3 घंटे के अंदर ही भाजपा ने उन्हें नई सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की घोषणा कर दी और राज्यपाल को इससे संबंधित पत्र भी सौंप दिया।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने बताया कि भाजपा राज्य में राजनीतिक अस्थिरता नहीं चाहती है इसलिए उसने नीतीश को समर्थन देने का फैसला लिया है। इस बीच नीतीश के इस्तीफा देने के एक घंटे के बाद ही मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायक दल की बैठक हुई जिसमें उन्हें फिर से विधिवत नेता चुन लिया गया। देर रात राजग विधायक दल के नेता नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। नीतीश कुमार आज सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे। अन्य मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण 28 जुलाई को कराने का निर्णय लिया है।
PM भी होंगे शपथग्रहण समारोह में
नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने की भी उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए’ नीतीश की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरा देश उनकी ईमानदारी का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार को बधाई। सवा सौ करोड़ लोग उनकी ईमानदारी का स्वागत और समर्थन करते हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘देश और खासकर बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए समय की जरूरत है कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठें तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल हों।’’
सामने आया नीतीश के दिल का दर्द
इस्तीफा देने के बाद राजभवन से बाहर निकलकर नीतीश ने इस्तीफा देने की वजह बताई। नीतीश ने कहा कि हमने 20 महीने तक गठबंधन की सरकार चलाई है। हमसे जितना मुमकिन हुआ उतना गठबंधन धर्म को निभाया। हमने चुनाव के दौरान जनता से जो वायदे किए उन पर काम करने की हर मुमकिन कोशिश की। लगातार बिहार के लिए काम किया। बिहार में शराबबंदी जैसा सामाजिक फैसला किया। विपक्षी एकता पर नीतीश ने कहा कि हम विपक्षी एकता के साथ हैं मगर कोई एजैंडा तो हो। राष्ट्रपति चुनाव में हमने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया। वह बिहार के राज्यपाल रहे हैं। उसके बाद हमारे ऊपर जाने क्या-क्या आरोप लगाए गए? हमारी और उनकी सोच का दायरा भी अलग है इसलिए मैंने अपनी अंतर्रात्मा की आवाज सुनी और अपना त्याग पत्र दे दिया।
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