
रोज़मर्रा में होने वाले सिरदर्द, पैर दर्द या हल्के बुख़ार में फौरन राहत पाने के लिए अक्सर लोग बिना सोचे समझे ही पेन किलर खा लेते हैं। हम सभी जानते हैं कि दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। बावजूद इसके हम सभी ये गलती कर बैठते है। आइये जानें पेन किलर खाने से हमारे शरीर को कौन-कौन से नुकसान पहुंचते हैं।
ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा
डॉक्टर के अनुसार ब्लड प्रेशर के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, अधिक मात्रा में नमक का सेवन, जिससे कि हृदय की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना अपने आप में एक बड़ी बीमारी है और जब आप हर हल्के से दर्द में भी पेन किलर लेते हैं तो आपकी ये आदत आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है और इससे आपके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को आप अच्छे से जानते ही है।
ब्लड डिस्क्रैसिया
ब्लड डिस्क्रैसिया यानि खून का अत्यधिक पतला होना। पेन किलर दवाएं आपके खून को पतला करती हैं और खून की नेचुरल संरचना भी बदल देते हैं। खून की संरचना में आए इसी बदलाव को ब्लड डिस्क्रैसिया कहते हैं जिसका प्रभाव अगर शरीर पर ज़्यादा पड़ जाए तो रोगी की जान भी जा सकती है।
किडनी और लीवर डैमेज
पेन किलर दवाओं का सबसे ज़्यादा असर लीवर पर पड़ता है। इन दवाओं में पाया जाने वाला एसिटामिनोफेन लीवर को डैमेज कर सकता है। पेन किलर के ज़्यादा इस्तेमाल के कारण किडनी खराब होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इनके ज़्यादा सेवन से किडनी सही तरीके से काम नहीं कर पाती।
पेट की तकलीफें
ज्यादा पेन किलर लेने से पेट का अल्सर हो जाता है। पेन किलर की ज़्यादा मात्रा लेने से सीने में जलन, पेट दर्द, खट्टी डकार और उल्टी आने की शिकायतें बढ़ जाती है। इसके बाद पेट में सूजन आना शुरू हो जाता है और उसमें घाव भी बनने लगते हैं जिनसे खून भी बहने लगता है।
हल्की-फुल्की दर्द से राहत पाने के कुछ घरेलू तरीके
हल्दी
हल्की-फुल्की चोट लगने पर हल्दी वाला दूध पिएं। दिन में एक से ज्यादा पेन किलर का सेवन मत करें। चोट वाली जगह पर हल्दी लगाने से भी दर्द में राहत मिलती है।
लार
सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन मुंह में बनने वाली लार भी एक तरह से पेन किलर का काम करती है। चिकित्सकों का मानना है कि यह मोरफाइन दवा से छह गुना ज्यादा तेजी से अपना काम करती है।
लौंग
दांत दर्द होने पर लौंग का सेवन काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा अन्य बॉडी पेन को दूर करने के लिए भी यह बेहतरीन प्राकृतिक तरीका है। जोड़ों की दर्द में लौंग वाले तेल का इस्तेमाल करें।
बर्फ या गर्म पानी की सिकाई
जोड़ों या मांसपेशियों का दर्द होने पर या फिर हल्की-फुल्की मोच आने पर बर्फ या गर्म पानी की सिकाई करें। यह नसों में खून का प्रवाह सुचारू बनाकर दर्द को कम करती हैं। जिससे पेन किलर खाने की जरुरत नहीं पड़ती।
खट्टी चेरी
मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में माना है कि एक बार में 20 खट्टी चेरी के सेवन से एस्पिरिन नामक पेनकिलर से भी ज्यादा आराम मिल सकता है।
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