– एनजीटी ने शुक्रवार की सुनवाई के दौरान फाउंडेशन से पूछा “क्या यह सच है कि आपने ऐसा बयान दिया था कि आप 5 करोड़ का फाइन चुकाने की जगह जेल जाना पसंद करेंगे।”
– इस पर श्रीश्री के फाउंडेशन की तरफ से जवाब दिया गया कि रविशंकर ऐसा बयान नहीं दे सकते।
– जिसके बाद ट्रिब्युनल ने कहा, ”अगर ऐसा नहीं कहा गया तो यह अच्छे सेंस को दिखाता है। अगर हम जैसे लोग ट्रिब्युनल के निर्देशों की अनदेखी करने लगेंगे तो आम लोगों के बीच इससे गलत मैसेज जाएगा।”
– बता दें कि गुरुवार को मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं जिसमें श्रीश्री ने कहा था कि वे डीडीए को जुर्माना भरने के बदले जेल जाना चाहेंगे।
शुक्रवार को एनजीटी की सुनवाई के दौरान और क्या हुआ?
– NGT में हुई शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग ने खुद को चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन बताते हुए 5 करोड़ की रकम जुटाने के लिए वक्त मांगा।
– ऑर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि हम इतनी बड़ी रकम का इंतजाम इतनी जल्दी नहीं कर सकते।
– इसके बाद ट्रिब्युनल ने फाउंडेशन को 25 लाख तुरंत जमा करने को कहा।
– ट्रिब्युनल ने यह भी साफ किया कि अगर फाउंडेशन पैसे जमा नहीं कराता है तो हम उसे सेंट्रल से मिलने वाली 2.5 करोड़ की ग्रांट को रोके जाने के निर्देश देंगे।
– ट्रिब्युलन के चैयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि यह 5 करोड़ का अमाउंट जुर्माना नहीं बल्कि एनवायरमेंट कम्पंशेसन है।
– गौरतलब है कि श्रीश्री की संस्था 26 करोड़ खर्च कर वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल ऑर्गनाइज करा रही है।