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GST पर कानून बनने का रास्ता साफ

arun121_1470242993नई दिल्ली.GST बिल बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। 16 साल बाद अब GST पर कानून बनेगा। बिल के सपोर्ट में राज्यसभा में 197 मेंबर्स ने वोट किया। वोटिंग से पहले सिर्फ AIADMK ने वॉक आउट किया। बिल पर करीब 8 घंटे चर्चा हुई। अरुण जेटली ने बिल पेश करते हुए कहा कि ये अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है। पीएम ने ट्वीट कर सभी पार्टियों के नेताओं को थैंक्स कहा। बता दें कि 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने जिस गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) विधेयक की नींव रखी थी, उसके संसद से पास होने का इंतजार नौ साल से हाे रहा था। 20 तरह के इनडायरेक्ट टैक्स खत्म कर ‘एक देश, एक टैक्स’ की थीम पर जीएसटी बिल में सरकार ने 9 बदलाव किए।

चिदंबरम ने कहा- रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए…

– यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर रहे पी चिदंबरम ने जेटली के बाद इस बहस में हिस्सा लिया।

– चिदंबरम ने कहा, ”हमारी पार्टी इस बिल को सपोर्ट करेगी, लेकिन स्टैंडर्ड रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए।”

– उन्होंने कहा, ”हमने (कांग्रेस) कोशिश की थी। मुख्य विपक्ष को साथ रखते हुए, लेकिन हम फेल हो गए।”
– ”अब सरकार 18 महीने से कोशिश कर रही थी, लेकिन वे भी फेल रहे थे। यह एक सीरियस डिबेट की शुरुआत होगी। आपलोगों ने मुख्य विपक्ष को इससे अलग रखा था।
– ”कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। सबसे पहले 2011 में प्रणब मुखर्जी लेकर आए थे। बीजेपी ने अपोज किया था।”
– ”2014 में जब ये आया तो हमने कहा कि और परफेक्ट बिल चाहिए।”

– ”उम्मीद है कि फाइेंस मिनिस्टर जीएसटी नंबर के बल पर नहीं, बल्कि तर्कों के आधार पर पास करेंगे।”

– ”यह बिल किसी केंद्रीय वित्त मंत्री या राज्य के वित्त मंत्री का मामला नहीं है। इसमें देश के लोगों की चिंता है।”

पीएम ने सभी पार्टियों को कहा- शुक्रिया

– बिल पास होने के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ”राज्यसभा में जीएसटी बिल पास होने के एेतिहासिक मौके पर मैं सभी पार्टी के नेताओं और मेंबर्स को धन्यवाद देता हूं।”
– ”हमारे MPs इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने 21वीं सेन्चुरी में भारत को एक इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम देने में अहम फैसला लिया।”

– ”जीएसटी को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण होगा। एक साथ मिलकर हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”

– ”जीएसटी से मेक इन इंडिया को भी फायदा होगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”

जीएसटी पर किसने क्या कहा?
– कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ”आप (सरकार) जीएसटी बिल पर कानून में टैक्स दर तय करें।”
– ”जीएसटी जैसा बड़ा फैसला लोगों को जानबूझकर अंधेरे में रखकर नहीं लिया जाना चाहिए। जीएसटी दर का कानून में जरूर जिक्र हो और इसके बिना कोई टैक्स ना लगाया जाए, ना वसूला जाए।”
– AIADMK के नवनीत कृष्णन ने कहा, ”यह संविधान संशोधन विधेयक खुद असंवैधानिक है, क्योंकि यह राज्यों की वित्तीय आजादी का उल्लंघन है। इससे तमिलनाडु को रेवन्यू का नुकसान होगा। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।”
– शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ”अपना रेवन्यू बढ़ाने के लिए आपने (केंद्र) मुंबई का राजस्व खा लिया। वह आपके लिए मायानगरी होगी, लेकिन हमारे लिए मां है। अगर मुंबई भीख मांगने को मजबूर होगा, तो देश भी भिखारी बन जाएगा।”
– समाजवादी पार्टी के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा, ”हम जीएसटी बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन यहां कुछ शंकाएं हैं। इससे महंगाई बढ़ेगी। वित्त मंत्री इसे क्लियर करें।”

अब आगे क्या?

– अगर जीएसटी बिल बदलावों के साथ राज्यसभा से पारित हुआ। नियमों के मुताबिक, अब इसे मंजूरी के लिए लोकसभा में पेश किया जाएगा।
– इसके बाद इसे आखिरी मंजूरी के लिए प्रेसिडेंट के पास भेजा जाएगा।

बिल पास होने के बाद क्या होगा असर?

– एक्सपर्ट्स की मानें तो जीएसटी बिल पास होने के बाद देश में इनकम टैक्स सिस्टम और मजबूत बनाने की जरूरत होगी। टैक्स कलेक्टरों को भी ट्रेंड करना होगा।
– लुधियाना में रोमर वूलन मिल्स के हेड जीआर रल्हन का कहना है, ‘जीएसटी को लेकर ज्यादा चिंता छोटी कंपनियों को है। उन्हें एडजस्ट करने के लिए अभी और वक्त

देना चाहिए।’
– ‘जीएसटी की हाई रेट से भी बिजनेस पर असर पड़ सकता है।’
– टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश की महज 20% फर्म्स (इसमें से ज्यादातर बड़ी हैं) ही जीएसटी के लिए तैयार हैं।
– जानकारों का ये भी कहना है कि जिन देशों में जीएसटी लागू हुआ था, वहां कुछ वक्त लिए इकोनॉमी स्लो हुई थी। हालांकि बाद में एक टैक्स होने के फायदे भी मिले थे।

 

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