वॉशिंगटन. उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को आतंकी देश करार देने के लिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों ने भी मुहिम छेड़ दी है। इन लोगों ने एक पिटीशन कैम्पेन शुरू किया है, जिसमें 1 लाख सिग्नेचर करवाने का टारगेट है। हाल ही में रिपब्लिकन सांसद टेड पो भी अमेरिकी पार्लियामेंट में पाक को आतंकी देश करार देने के लिए बिल ला चुके हैं। इस बीच, अमेरिका ने कहा कि भारत-पाकिस्तान अपने विवादों को हिंसा से नहीं, बल्कि डिप्लोमेसी से सुलझाएं।
पिटीशन में क्या कहा गया…
– ये ऑनलाइन पिटीशन 20 सितंबर से शुरू की गई है।
– इसमें कहा गया है कि अमेरिका और भारत समेत दुनिया के कई देश पाक की आतंकी गतिविधियों से प्रभावित हैं।
– पिटीशन में कम से कम एक लाख सिग्नेचर लिए जाने हैं। इसके बाद ही ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन इस पर विचार करेगा।
– व्हाइट हाउस की वेबसाइट ने बाकायदा भारतीय अमेरिकियों के लिए एक विंडो मुहैया कराई है।
– बता दें कि इस हमले के बाद नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की थी। इसमें इंटरनेशनल लेवल पर पाक को अलग-थलग करने की बात कही गई थी।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पहले ही लाया जा चुका है बिल
– हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन सांसद टेड पो ने एक अन्य सांसद डाना रोहराबेकर के साथ ‘पाकिस्तान स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म डेजिग्नेशन एक्ट (HR 6069)’ पेश किया।
– पो हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में टेररिज्म पर बनी सब कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
– पो के मुताबिक, “अब वक्त आ गया है कि हम पाकिस्तान को उसकी दुश्मनी निकालने के लिए पैसा देना बंद कर दें। उसे वह घोषित कर देना चाहिए जो वो है।”
– पो ने ये भी कहा, “पाकिस्तान एक ऐसा सहयोगी है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कई सालों से अमेरिका के दुश्मनों को मदद दे रहा है।”
– पो ने साफ शब्दों में कहा, “मैं भारत में कश्मीर में आर्मी बेस पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए। भारत हमारा एक करीबी सहयोगी है।”
व्हाइट हाउस ने कहा- डिप्लोमेसी से अापस का विवाद सुलझाएं भारत-पाक
– व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट के मुताबिक, “हम लंबे समय से भारत-पाकिस्तान से बोल रहे हैं कि वे अपने विवादों को हिंसा से नहीं, बल्कि डिप्लोमेसी सुलझाएं।”
– अर्नेस्ट उड़ी आतंकी हमले में शहीद हुए भारत के 18 जवानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
– “बीते कुछ सालों में भारत-पाकिस्तान ने अपने विवादों को बातचीत से हल करने की कोशिश की है।”
– “हमें उम्मीद है कि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए हिंसा की बजाय बातचीत से मसलों का हल खोजेंगे।”
– अर्नेस्ट ने ये भी कहा, “मैंने कुछ पब्लिक रिपोर्ट्स देखी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अमेरिका दुनियाभर में हो रही आतंकी घटनाओं का विरोध करता है।”
– बता दें कि 18 सितंबर को तड़के उड़ी के आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।
वॉशिंगटन. उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को आतंकी देश करार देने के लिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों ने भी मुहिम छेड़ दी है। इन लोगों ने एक पिटीशन कैम्पेन शुरू किया है, जिसमें 1 लाख सिग्नेचर करवाने का टारगेट है। हाल ही में रिपब्लिकन सांसद टेड पो भी अमेरिकी पार्लियामेंट में पाक को आतंकी देश करार देने के लिए बिल ला चुके हैं। इस बीच, अमेरिका ने कहा कि भारत-पाकिस्तान अपने विवादों को हिंसा से नहीं, बल्कि डिप्लोमेसी से सुलझाएं। पिटीशन में क्या कहा गया…
– ये ऑनलाइन पिटीशन 20 सितंबर से शुरू की गई है।
– इसमें कहा गया है कि अमेरिका और भारत समेत दुनिया के कई देश पाक की आतंकी गतिविधियों से प्रभावित हैं।
– पिटीशन में कम से कम एक लाख सिग्नेचर लिए जाने हैं। इसके बाद ही ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन इस पर विचार करेगा।
– व्हाइट हाउस की वेबसाइट ने बाकायदा भारतीय अमेरिकियों के लिए एक विंडो मुहैया कराई है।
– बता दें कि इस हमले के बाद नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की थी। इसमें इंटरनेशनल लेवल पर पाक को अलग-थलग करने की बात कही गई थी।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पहले ही लाया जा चुका है बिल
– हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन सांसद टेड पो ने एक अन्य सांसद डाना रोहराबेकर के साथ ‘पाकिस्तान स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म डेजिग्नेशन एक्ट (HR 6069)’ पेश किया।
– पो हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में टेररिज्म पर बनी सब कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
– पो के मुताबिक, “अब वक्त आ गया है कि हम पाकिस्तान को उसकी दुश्मनी निकालने के लिए पैसा देना बंद कर दें। उसे वह घोषित कर देना चाहिए जो वो है।”
– पो ने ये भी कहा, “पाकिस्तान एक ऐसा सहयोगी है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कई सालों से अमेरिका के दुश्मनों को मदद दे रहा है।”
– पो ने साफ शब्दों में कहा, “मैं भारत में कश्मीर में आर्मी बेस पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए। भारत हमारा एक करीबी सहयोगी है।”
व्हाइट हाउस ने कहा- डिप्लोमेसी से अापस का विवाद सुलझाएं भारत-पाक
– व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट के मुताबिक, “हम लंबे समय से भारत-पाकिस्तान से बोल रहे हैं कि वे अपने विवादों को हिंसा से नहीं, बल्कि डिप्लोमेसी सुलझाएं।”
– अर्नेस्ट उड़ी आतंकी हमले में शहीद हुए भारत के 18 जवानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
– “बीते कुछ सालों में भारत-पाकिस्तान ने अपने विवादों को बातचीत से हल करने की कोशिश की है।”
– “हमें उम्मीद है कि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए हिंसा की बजाय बातचीत से मसलों का हल खोजेंगे।”
– अर्नेस्ट ने ये भी कहा, “मैंने कुछ पब्लिक रिपोर्ट्स देखी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अमेरिका दुनियाभर में हो रही आतंकी घटनाओं का विरोध करता है।”
– बता दें कि 18 सितंबर को तड़के उड़ी के आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।