
अमेरिका में अश्वेत नागरिक के साथ पुलिस की हिंसा के एक नए मामले ने तूल पकड़ लिया है। विस्कॉन्सिन शहर में रविवार को 2 पुलिस कर्मियों ने एक अश्वेत जैकब ब्लेक को उसके बच्चों के सामने ही 7 गोलियां मारी सिका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने शुरूआती बयान में कहा था कि ब्लेक के पास हथियार था इसलिए गोलियां चलानी पड़ी थीं। लेकिन वीडियो में साफ नज़र आ रहा है कि ब्लेक निहत्था था और पुलिसवालों ने उसकी पीठ पर 7 गोलियां मारीं थीं। गोलियां लगने के बाद जैकब को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जैकब के वकील बेन क्रम्प ने इस पूरी घटना का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें पुलिसकर्मी एक एसयूवी में घुसने की कोशिश करने के बाद जैकब पर गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं। इस घटना से नाराज लोगों ने केनोशा कोर्टहाउस के सामने प्रदर्शन किया जिसके बाद केनोशा में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अमेरिका में बीते 2 महीने में किसी अश्वेत पर पुलिस के गोली चलाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 12 जून को अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के अश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी थी। फिलहाल पुलिस ने शुरूआती जांच के दौरान आरोपी पुलिसवालों को संस्पेंड करने से इनकार कर दिया है।
केनोशा पुलिस ने विस्कॉन्सिन क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिविजन को जांच करने के लिए कहा है। इस जांच केनोश के काउंटी डिप्टी शेरिफ की अगुआई में होगी। इसकी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी मिशेल डी ग्रेवली को सौंपी जाएगी और इसके बाद ग्रेवली ही फैसला लेंगे कि अफसरों पर कौन से आरोप लगाए जाएंगे. ख़बरों के मुताबिक पुलिसवालों को सिर्फ छुट्टी पर भेजा गया है।
बता दें कि मिनेपोलिस में 25 मई को अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (40) को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 9 मिनट तक दबाए रखाऔर उसकी मौत हो गई थी। फ्लॉयड की मौत के बाद इस घटना का जोरदार विरोध हुआ था। अकेले अमेरिका में ही 140 शहरों में प्रदर्शन हुए। सरकार को 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा था। इसके आलावा ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे आए थे।
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