नई दिल्लीः आर.बी.आई. गवर्नर को कामयाब होने के लिए ‘रॉक स्टार’ स्टेटस की जरूरत नहीं होती है और भारत की रेटिंग इसकी नीतियों पर निर्भर करेगी ना कि किसी खास शख्सियत पर। ये बातें आज फिच रेटिंग्स ने कहीं। फिच की यह टिप्पणी तब आई है जब सरकार ने रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर उर्जित पटेल को इस केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त किया है।
फिच रेटिंग्स के डायरेक्टर (एशिया-पसिफिक सॉवरन्स ग्रुप) थॉमस रुकमाकर ने कहा, ‘इन्फ्लेशन पर काबू पाने या बैंकिंग सेक्टर की सफाई में कामायबी के लिए किसी केंद्रीय बैंक के गवर्नर का रॉक स्टार स्टेटस होना जरूरी नहीं होता है।’ अमरीका की रेटिंग एजैंसियां मूडीज और फिच ने यह भी कहा कि नए आर.बी.आई. गवर्नर के रूप में पटेल ने मौजूदा नीतियों को ही बरकरार रखने की तरफ इशारा किया है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस एस.वी.पी., सॉवरन रिस्क ग्रुप मैरी डिरॉन ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि नए गवर्नर के कार्यकाल में भी आर.बी.आई. की मौजूदा नीतियां ही जारी रहेंगी।’
फिच ने कहा कि रिटायर हो रहे आर.बी.आई. गवर्नर रघुराम राजन ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर और कमजोर बैंक बैलेंस शीट्स की समस्याओं की पहचान कर सकारात्मक बदलाव की शुरूआत की है। रुकमाकर ने कहा, ‘अगले आर.बी.आई. गवर्नर के रूप में पटेल की नियुक्ति से नीतियों के बरकरार रहने का जोरदार इशारा मिलता है।’ उन्होंने कहा कि रेटिंग के नजरिए से शख्सियतों से ज्यादा महत्वपूर्ण नीतियां होती हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले 3 सालों से आर.बी.आई. के डेप्युटी गवर्नर के रूप में काम करते हुए पटेल आगे के कार्यकाल में भी इन नीतिगत बदलावों को सांस्थानिक रूप देंगे।’