नवजोत सिद्धू राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद से ही सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हो गए हैं। उनके खिलाफ और हक में फेसबुक पर रोजाना कमैंट आ रहे हैं। पंजाब भाजपा के पूर्व सचिव डॉ. सुभाष शर्मा ने सिद्धू के राज्यसभा सदस्यता छोडऩे पर कमैंट किया है कि पार्टी ने उन्हें 4 बार सांसद और उनकी पत्नी को सी.पी.एस. बनाया।
पार्टी इससे अधिक और क्या करे? उन्होंने यह भी लिखा है कि जिस केजरीवाल को सिद्धू ड्रामेबाज कहते थे, अब उसी के साथ जाएंगे। उन्होंने इसे अहंकारी और नौटंकीबाज का जोड़ करार दिया है। संजय भार्गव ने लिखा है कि अगर भाजपा अकालियों से अलग होकर लड़े तो पार्टी की ताकत बढ़ेगी। यही सिद्धू भी चाहते हैं लेकिन उनके जाने से पार्टी को कोई ज्यादा फर्क नहीं पडऩे वाला। कंवर राज सिंह ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘अकाली-भाजपा फिर से सत्ता में आएंगे।’’ हर्ष सिंह ने सिद्धू मामले को ज्यादा हवा न देने की सलाह दी है। वहीं, अमित भाटिया ने लिखा है कि सिद्धू प्रकरण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का एक राजनीतिक स्टंट है।
अब पंजाब में लोग ‘आप’ की बात छोड़कर सिद्धू की ही बातें कर रहे हैं। वैसे सिद्धू एक ईमानदार नेता हैं और उन्हें ईमानदार पार्टी भाजपा के ही साथ रहना चाहिए। कुछ अन्य टिप्पणियों में कहा गया है कि अभी ये सभी विचार जल्दबाजी के हैं। इंतजार करना चाहिए। आने वाले दिनों में सियासत कोई भी मोड़ ले सकती है। कुल मिलाकर सिद्धू प्रकरण इस वक्त पूरी तरह से चर्चा का विषय बना हुआ है। फेसबुक, व्हाट्सएप पर लगातार इससे संबंधित टिप्पणियां आ रही हैं।