
मेलबर्न: स्कॉर्पीन बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस ने पनडुब्बी के दस्तावेज आगे से प्रकाशित न करनेे के लिए आस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। स्कॉर्पीन बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस ने यह याचिका ‘द आस्ट्रेलियन’ अखबार के खिलाफ दायर की है। कंपनी ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह अखबार के पास उपलब्ध अप्रकाशित दस्तावेज उसे सौंप देने का आदेश दें। इसके अलावा कंपनी ने अखबार की वैबसाइट से दस्तावेज हटाने का आदेश देने का भी अनुरोध किया है।
डीसीएनएस के वकील जस्टिन मुन्सी ने अदालत को दिए हलफनामे में कहा कि स्कॉर्पीन दस्तावेज के प्रकाशन से कंपनी और इसके ग्राहक को नुकसान हो रहा है। इससे बेहद संवेदनशील जानकारी सामने आ रही है। उल्लेखनीय है कि ‘द आस्ट्रेलियन’ ने सोमवार को स्कॉर्पीन से संबंधित कुछ और दस्तावेज छापने की बात कही थी। इस बीच, अमेरिका-प्रशांत पनडुब्बी बेड़े के पूर्व कमांडर जॉन पैगेट ने कहा है कि इस घटना से गोपनीय सूचनाओं को सुरक्षित रखने का फ्रांसीसी कंपनियों का आत्मविश्वास घटेगा।
बता दें कि भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लीक दस्तावेज तीन साल पहले ही एक ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विशेषज्ञ को मिल गए थे। किसी अज्ञात व्यक्ति से मिले यह दस्तावेज उसने अभी तक छुपा रखे थे। यह दावा किया है इन दस्तावेजों को प्रकाशित करने वाले अखबार “द अास्ट्रेलियन’ ने। अखबार के अनुसार अप्रैल 2013 में रक्षा विशेषज्ञ के सिडनी स्थित घर के मेल बॉक्स में स्कॉर्पीन की खुफिया जानकारी वाली सीडी मिली थी। यह रक्षा विशेषज्ञ ही खुद को व्हिसल ब्लोअर बता रहा है। हालांकि, अखबार ने स्पष्ट नहीं किया कि व्हिसल ब्लोअर ने तीन साल तक यह दस्तावेज क्यों दबाए रखे थे।
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