
नई दिल्ली: एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस द्वारा भारत में बनाए जा रहे छह स्कॉर्पिन पनडुब्बियों की जल के भीतर की युद्ध प्रणाली के संचालन निर्देशों से जुड़ी सूचना के लीक्ड दस्तावेजों का नया सेट जारी कर दिया। हालांकि एक शीर्ष रक्षा विश्लेषक ने आशंका को खारिज किया कि इससे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लड़ाकू पोतों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। पहले की तरह ही अखबार ने वे ब्यौरे जारी नहीं किए जिनसे उसे भारत के सुरक्षा हित प्रभावित होने की आशंका थी। हालांकि दस्तावेजों के नये सेट में पनडुब्बियों की सोनार प्रणाली के ब्यौरे दिए गए हैं जिसका इस्तेमाल पानी के भीतर खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए किया जाता है।
दस्तावेजों पर भारतीय नौसेना का प्रतीक चिह्न अंकित है और साथ ही ‘‘निषिद्ध स्कार्र्पिन भारत’’ लिखा है। इसमें सोनार की तकनीकी विशिष्टताओं और वह किस डिग्री तथा फ्रीक्वेंसी पर काम करेगा, इसका विस्तार से जिक्र है। दस्तावेज में ‘‘संचालन निर्देशन नियमावली’ है जो हथियार दागने के लिए निशाने का चयन करने के तरीके, हथियार की बनावट चयन के बारे में बताता है। हालांकि नौसेना ने नए दस्तावेज जारी किए जाने को लेकर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है, सूत्रों ने कहा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पनडुब्बी से जुड़ी इसी तरह की सूचना ‘‘कई नौसेना रक्षा वेबसाइटों पर’’ उपलब्ध है।
रक्षा विशेषज्ञ और सोसाइटी ऑफ पॉलिसी स्टडीज के निदेशक कमोडोर (सेवानिवृत्त) उदय भास्कर ने कहा, ‘‘एकबारगी लगता है कि दस्तावेज मूलत: संचालन की नियमावली हैं। आप बाजार से कोई भी सामान खरीदें, उसके साथ संचालन नियमावली मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि यह पूछा जाए कि आज रात किए गए खुलासे से हमारी पनडुब्बियां खतरे में पड़ जाएंगी ‘‘तो जवाब ना में होगा।’’ भास्कर ने कहा, ‘‘यह उपयोगकर्त्ता के लिए बुनियादी संचालन निर्देश जैसा है।’’
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