मुरैना/ग्वालियर.डकैत विहीन हुए चंबल में अब पर्यटन के लिहाज से विकास होगा। जहां कभी डाकुओं और पुलिस के बीच गोलियां चलती थीं, वहां अब ऊंटों पर सैलानी चंबल का नजारा देख सकेंगे। तांत्रिक यूनिवर्सटी, खजुराहो जैसी कामुक प्रतिमाएं, 200 मंदिरों वाला बटेश्वर मंदिर समूह इस चंबल वैली में पर्यटकों की राह देख रही हैं।
क्या खास है चंबल के टूरिज्म में…
-पर्यटन स्थलों, पुरा महत्व के स्मारकों को देखने के लिए आने वालों को यहां असुविधा न हो, इस लिहाज से विकास शुरू किया जा रहा है।
-इसके लिए डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल को तेजी से सक्रिय किया गया है।
-एक प्लान बनाया गया है, जिसके मुताबिक पर्यटन स्थलों और पुरा स्मारकों पर सैलानियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
चंबल वेली में पर्यटन के लिहाज से यहां किया जाएगा विकास
-मितावली स्थित 64 योगिनी मंदिर (तांत्रिक यूनिवर्सिटी)
-पढ़ावली की गढ़ी (घारोन नगरी का श्रीविष्णु मंदिर)
-बटेश्वर के 100 मंदिर समूह
-11वीं शताब्दी के ककनमठ
-सबलगढ़ का किला
-पहाडग़ढ़ की लिखी छाज
बाजरे की रोटी और सरसों का साग मिलेगा
-जिला पुरातत्व अधिकारी अशोक शर्मा के अनुसार खास व्यवस्था कर रहे हैं कि यहां स्थानीय संस्कृति को भी सैलानियों के बीच चर्चित किया जाएगा।
-पर्यटकों को बाजरे की रोटी और सरसों के साग समेत महेरी भी परोसी जाएगी।
यह होगा खास
-जिन पुरा स्मारकों तक पहुंचने के लिए रास्ते सही नहीं हैं, वहां सड़कें तैयार की जाएंगीं।
-जो केयर टेकर सेंटर पर्यटन स्थलों के नजदीक बनाए गए हैं, वहां का अतिक्रमण हटवाएंगे।
-केयर टेकर सेंटरों पर गाइड रहेंगे और कैमरामेन रखे जाएंगे, जो सैलानियों की मदद करेंगे।
-पर्यटन स्थलों व चंबल में ऊंट रखे जाएंगे, जो किराए से सैलानियों को सैर कराएंगे। यहां पर यात्रियों के लिए जल-पान की व्यवस्था भी कराई जाएगी।
पर्यटन विकास में इनाम लेना है
-मुरैना कलेक्टर विनोद शर्मा ने बताया कि चंबल में अब डाकू नहीं हैं तो पर्यटन का डवलपमेंट तेजी से होगा।
-क्योंकि सैलानी बढ़ रहे हैं तो उनके लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगीं।
-इसके लिए हमने डीटीपीसी को तेजी से सक्रिय किया है। पर्यटन में मुरैना को प्रदेश में इनाम लेना है।